जेएनयू हिंसा के चार दिन बीत जाने के बाद दिल्ली पुलिस ने सामने आकर बताया कि उन्होंने अब तक जांच में क्या पाया है. इस दौरान दिल्ली पुलिस ने सीधे जेएनयू के छात्र संगठनों पर घटना की जिम्मेदारी डाल दी. पुलिस का कहना था कि जेएनयू छात्र संघ और उससे जुड़े अन्य संगठन के कई छात्रों की पहचान की गई है. वहीं पुलिस ने ये भी इशारा कर दिया है कि बाहर से लोग अंदर नहींं आए थे. जानिए दिल्ली पुलिस की प्रेस कॉन्फ्रेंस की 10 बड़ी बातें
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- कुछ छात्र संगठनों ने रजिस्ट्रेशन रोकने के लिए तोड़फोड़ किया. सर्वर को बंद कर दिया गया. जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन का झगड़ा बाकी संगठनों के साथ चल रहा था.
- जेएनयू के सुरक्षाकर्मियों ने बीचबचाव किया, लेकिन उनके साथ भी मारपीट हुई. 3:45 पर स्टूडेंट्स संगठन के लोगों ने पेरयार हॉस्टल पर अटैक किया.
- सादी वर्दी में पुलिस वाले मौके पर मौजूद थे, पुलिस की मदद वहां मौजूद टीजर्स कर रहे थे. नकाबपोश लोगों ने हर कमरे में घुसकर मारपीट की. लगभग सभी लोग यूनिवर्सिटी के अंदर के ही थे.
- बाहर वालों के लिए अंदर जाना मुश्किल है, गेट पर मौजूद रजिस्टरों की जांच की जा रही है कि कौन अंदर गए थे.
- वॉट्सऐप ग्रुप बनाकर हमला किया गया, जब तक पुलिस एक्शन लेती तब तक पूरे जंगल के एरिया में भाग गए.
- नकाबपोशों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज नहीं मिला. इसके बाद वायरल फोटो और वीडियो की मदद ली गई.
- जो भी वीडियो सामने आए हैं, उन्हें रिकॉर्ड करने वाले लोग नहीं मिल रहे हैं. हमें प्राइमरी वीडियो की तलाश है.
- पंकज मिश्रा, आयशी घोष, सुचेता तालुकदार, डेलन सामंत, एमएस कोरियन, वास्कर विजय, चुनचुन कुमार, विकास पटेल, प्रिया रंजन, योगेंद्र भारद्वाज की पहचान हुई है.
- जिन लोगों की पहचान हुई है, उन सभी को नोटिस जारी किया जा रहा है, जिसके बाद उन्हें हिरासत में लिया जाएगा.
- जेएनयू छात्र संगठन लगातार दिल्ली पुलिस के साथ झड़प करते हैं. पुलिस के दिशा निर्देशों का पालन नहीं करते हैं. जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन के प्रदर्शनकारियों से पब्लिक को काफी दिक्कतें आ रही हैं.
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