दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के एक अधिकारी ने 23 जुलाई को गोल मार्केट इलाके में स्थित न्यूज वेबसाइट द वायर के ऑफिस का दौरा किया. सोशल मीडिया पर सवाल उठाए जाने के घंटों बाद दिल्ली पुलिस की तरफ से इस मामले में स्पष्टीकरण आया, जिसमें DCP ने कहा कि "यह 15 अगस्त से संबंधित रूटीन चेकिंग का हिस्सा था".
पेगासस प्रोजेक्ट को लेकर की थी रिपोर्ट
द वायर दुनियाभर के उन 16 मीडिया संस्थानों में से एक है, जो पेगासस प्रोजेक्ट में शामिल थे. इसी वेबसाइट ने फ्रांस स्थित गैर-लाभकारी फॉरबिडन स्टोरीज और मानवाधिकार समूह एमनेस्टी इंटरनेशनल के साथ मिलकर पेगासस की मदद से सबसे पहले जासूसी की खबर का खुलासा किया था.
दिल्ली पुलिस के अधिकारी के इस 'रूटीन चेकिंग' के बाद द वायर के संपादक सिद्धार्थ वरदराजन ने ट्वीट करते हुए कहा,
"द वायर के ऑफिस में यह हर दिन की तरह नहीं था..,पेगासस प्रोजेक्ट के बाद पुलिसकर्मी आज बेतुके सवालों के साथ पहुंचे."विनोद दुआ कौन है"? "स्वरा भास्कर कौन है" ? "क्या मैं आपका रेंट एग्रीमेंट देख सकता हूं" ? " क्या मैं आरफा से बात कर सकता हूं"? यह पूछे जाने पर कि वो क्यों आए हैं : "15 अगस्त के लिए रूटीन चेकिंग'" अजीब है".
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार डीसीपी (नई दिल्ली) दीपक यादव ने कहा कि पूरे जिले में 15 अगस्त से संबंधित रूटीन चेकिंग चल रही है. इस मामले पर उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा,
"स्वतंत्रता दिवस के लिए सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी उपाय जैसे किरायेदार सत्यापन, गेस्ट हाउस की जांच आदि पूरे दिल्ली में किये जा रहे हैं. स्थानीय बीट अधिकारी एक कार्यालय का सत्यापन करने गए थे, जिसके प्रवेश द्वार पर कोई साइन बोर्ड नहीं था".
15 अगस्त के मद्देनजर दिल्ली में कड़ी सुरक्षा
15 अगस्त के पहले दिल्ली NCR में बहुस्तरीय व्यवस्था और बॉर्डर पर कड़ी निगरानी के साथ सुरक्षा बढ़ा दी गई है. इसके अलावा एनएसजी, एसपीजी और आईटीबीपी को हाई अलर्ट पर रखा गया है.
स्वतंत्रता दिवस पर 45000 से अधिक सुरक्षाकर्मी शहर की सुरक्षा करेंगे. इसके अलावा लाल किले के लगभग 5 किलोमीटर के परिधि में विभिन्न स्थानों पर 2000 से अधिक स्नाइपर तैनात किए गए हैं.
मीडिया संस्थानों पर हुई थी छापेमारी
बता दें कि द वायर के ऑफिस पर यह रूटीन चेकिंग उस वक्त की गई है जब दैनिक भास्कर ग्रुप और भारत समाचार के दफ्तरों पर आयकर विभाग के छापे के बाद केंद्र सरकार पर मीडिया स्वतंत्रता को दबाने का आरोप लग रहा है.
एडिटर्स गिल्ड ने भी बयान जारी करते हुए कहा कि सरकार विभिन्न एजेंसियों की मदद से मीडिया की स्वतंत्रता को दबाने की कोशिश कर रही है.
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