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राजधानी दिल्ली में आज से लागू हुआ Odd-Even, चालान कटने भी शुरू

प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली में 4 नवंबर से 15 नवंबर तक लागू रहेगा ऑड-ईवन

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भारत
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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गंभीर वायु प्रदूषण के मद्देनजर ऑड-ईवन स्कीम आज (सोमवार, 4 नवम्बर) सुबह आठ बजे से शुरू हो गई है. पहले दिन दिल्ली की सड़कों पर केवल ऐसे प्राइवेट व्हीकल चल सकेंगे, जिनकी नंबर प्लेट का अंतिम अंक ईवन संख्या हो.

ऑड-ईवन लागू होने के बाद भी कई लोग ऑड नंबर की गाड़ी लेकर निकले हैं, लेकिन अब उन्हें भारी चालान का सामना करना पड़ रहा है. ट्रैफिक पुलिस ने दिल्ली में ऐसे कई लोगों का चालान किया है.

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ऑड-ईवन स्कीम पर एक नजर

  • ऑड-ईवन स्कीम 4 नवंबर से 15 नवंबर तक, सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक लागू रहेगी.
  • इसके तहत 4, 6, 8, 12 और 14 नवंबर को सड़कों पर ऑड रजिस्ट्रेशन नंबर (1, 3, 5, 7, 9) से समाप्त होने वाले चार पहिया निजी वाहनों को सड़कों पर निकलने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
  • इसी तरह, इवन संख्या (0, 2, 4, 6, 8) के साथ समाप्त होने वाले रजिस्ट्रेशन नंबर वाले वाहनों को 5, 7, 9, 11, 13 और 15 नवंबर को सड़कों पर चलने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
  • योजना 10 नवम्बर (रविवार) को लागू नहीं होगी और पाबंदी अन्य राज्यों के रजिस्ट्रेशन नम्बर पर भी लागू होगी.
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ट्रैफिक पुलिस की क्या है तैयारी?

  • ऑड-ईवन स्कीम के सख्त अनुपालन के लिए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस, परिवहन एवं राजस्व विभागों की सैकड़ों टीमें तैनात की गई हैं.
  • अभियान के दौरान लगभग 400 ट्रैफिक इंस्पेक्टर और असिस्टेंट ट्रैफिक इंस्पेक्टरों (एटीआई) को दो शिफ्ट में तैनात किया जाएगा.
  • एटीआई और राजस्व विभाग के अधिकारी उल्लंघनकर्ताओं के चालान काटेंगे. साथ ही परिवहन विभाग द्वारा चिन्हित 200 स्थानों पर योजना का समुचित क्रियान्वयन सुनिश्चित करेंगे.
  • दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने स्कीम का उचित क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए 200 टीमें तैनात की हैं.
  • इसके बारे में जागरूकता फैलाने के लिए शहरभर में लगभग 5,000 नागरिक सुरक्षा वॉलेंटियर तैनात करने के लिए प्रशिक्षित किये गए हैं.
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उल्लंघन पर कितना जुर्माना देना होगा?

उल्लंघन करने वालों पर 4,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. ट्रैफिक पुलिस में हेड कांस्टेबल और उच्च स्तर के अधिकारी, एसडीएम, तहसीलदार, एटीआई और डीटीसी के उच्च पदस्थ अधिकारियों को उल्लंघनकर्ताओं का चालान काटने के लिए अधिकृत किया गया है.

ट्रैफिक पुलिस और अन्य विभागों की प्रवर्तन टीमों को 12 दिन के इस अभियान के दौरान इस्तेमाल करने के लिए चालान बुक, रसीद बुक और दिशानिर्देश जारी किए गए हैं.

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पब्लिक ट्रांसपोर्ट की क्या तैयारी है?

दिल्ली सरकार की 2,000 निजी बसों को किराए पर लेने की योजना को आंशिक सफलता मिली है क्योंकि रविवार शाम तक करीब 800 बसें ही पंजीकृत हुईं. परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि रात तक यह संख्या 1,000 के पार जाने की संभावना है.

दिल्ली मेट्रो ऑड-इवन स्कीम के 11 दिन की अवधि में 61 अतिरिक्त फेरे करेगी. हालांकि, यात्रियों का बड़ा बोझ 5,600 से ज्यादा दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) और क्लस्टर बसों द्वारा वहन किया जाएगा.

कैब ऑपरेटरों ओला और उबर ने कहा है कि वे ऑड-ईवन स्कीम के दौरान सर्ज प्राइसिंग लागू नहीं करेंगी. सरकार ने ऑटोरिक्शा द्वारा ज्यादा किराया वसूलने से रोकने के लिए भी कदम उठाए हैं.

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किन वाहनों को मिलेगी ऑड-ईवन से छूट?

  • दोपहिया वाहनों को इस योजना से बाहर रखा गया है लेकिन सीएनजी चालित वाहनों को नहीं.
  • मेडिकल इमरजेंसी में इस्तेमाल किये जाने वाले वाहनों और यूनिफॉर्म में स्कूली बच्चों ले जाने वाले वाहनों को छूट दी जाएगी.
  • ऐसे वाहन जिनकी चालक महिलाएं हों और उनमें 12 वर्ष तक की आयु के बच्चे हों उन्हें छूट दी जाएगी.
  • इसके साथ ही ऐसे वाहनों को भी छूट मिलेगी जिनमें दिव्यांग सवार हों.
  • राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यों के राज्यपाल, भारत के प्रधान न्यायाधीश, लोकसभाध्यक्ष, उप लोकसभाध्यक्ष, केंद्रीय मंत्री, राज्यसभा और लोकसभा में विपक्ष के नेता, उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश, दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और न्यायाधीशों, दिल्ली के उपराज्यपाल, केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और उपराज्यपालों के वाहनों को छूट दी जाएगी.
  • यह पाबंदी लोकपाल और उसके सदस्यों, संघ लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष, मुख्य चुनाव आयुक्त एवं चुनाव आयुक्त, भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक, राष्ट्रीय हरित अधिकरण के अध्यक्ष एवं सदस्यों, लोकायुक्त, दिल्ली और चंडीगढ़ के राज्य चुनाव आयुक्तों पर भी लागू नहीं होगी.
  • रक्षा मंत्रालय की नंबर प्लेट, डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट, पायलट या एस्कॉर्ट वाहन और स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों के वाहनों को भी छूट दी जाएगी.
  • एम्बुलेंस सहित आपात वाहनों, दमकल, अस्पतालों, जेल और शव ले जाने वाले वाहनों के साथ-साथ पुलिस, परिवहन विभाग, अर्धसैनिक बलों और डिविजनल कमिश्नर द्वारा अधिकृत वाहनों को भी छूट दी जाएगी.
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लेकिन, दिल्ली के मुख्यमंत्री और मंत्रियों के वाहनों को इस स्कीम में छूट नहीं दी जाएगी.

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