ADVERTISEMENTREMOVE AD

दिल्ली में अब भी पॉल्यूशन खतरनाक स्तर पर, 7 नवंबर तक राहत मिलने की उम्मीद

दिवाली के बाद दिल्ली में टूटा प्रदूषण का रिकॉर्ड, चारों तरफ फैला है स्मॉग

Updated
भारत
3 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

दिल्ली (Delhi) और आसपास के शहरों में आज लगातार दूसरे दिन जहरीले कोहरे की मोटी चादर बिछी हुई है, क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) दिवाली के बाद लगातार प्रदूषण से जूझ रहा है, और दिल्ली में प्रदूषण ने पिछले पांच सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है.

6 नवंबर की सुबह 8 बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 449 था, जो 'गंभीर' श्रेणी में आता है. नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा के आसपास के इलाकों में एक्यूआई अधिक था.

रिपोर्ट्स के मुताबिक दिल्ली की एयर क्वालिटी दुनिया की सभी राजधानियों की तुलना में सबसे खराब स्थिति में पहुंच चुकी है.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

7 नवंबर तक राहत की उम्मीद

सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) ने कहा कि सात नवंबर की शाम से ही राहत की उम्मीद है, लेकिन एक्यूआई में 'बहुत खराब' रेंज के आस-पास उतार-चढ़ाव होने की उम्मीद है.

दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकारों द्वारा लगाए गए पटाखों पर प्रतिबंध का उल्लंघन करने के बाद शहर और आसपास के इलाकों में गुरुवार रात और शुक्रवार को एयर क्वालिटी का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है.

शहर में शुक्रवार को जहरीले स्मॉग की चादर बिछ गई, जो पिछले तीन वर्षों में उच्चतम स्तर 457 पर है. दिल्ली के जंतर मंतर पर PM 2.5 की सांद्रता 341 प्रति घन मीटर थी. PM2.5 हृदय और सांस संबंधी बीमारियों जैसे फेफड़ों के कैंसर का कारण बन सकता है. ऐसी स्थिति में सांस की समस्या वाले लोगों को घर के अंदर रहने की सलाह दी गई है.

0
शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 को 'मध्यम', 201 और 300 को 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 और 500 को 'गंभीर' माना जाता है.

SAFAR मॉडल के पूर्वानुमानों के मुताबिक, शुक्रवार को दिल्ली के पीएम2.5 में पराली जलाने की वजह 36 फीसदी रही, जो इस सीजन में दर्ज किया गया अब तक का सबसे ज्यादा एक्यूआई है.

दिल्ली सरकार की क्या तैयारी?

खतरनाक स्थिति को देखते हुए दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पानी के छिड़काव की योजना बनाई है.

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने को लेकर पानी के छिड़काव के लिए दिल्ली सचिवालय के बाहर टैंकरों को हरी झंडी दिखाई. इस दौरान उन्होंने कहा कि दिवाली के दिन पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ीं और कुछ लोगों द्वारा पटाखे जलाए गए, जिसकी वजह से दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है. इस पर काबू पाने के लिए दिल्ली सरकार आपातकालीन कदम उठाते हुए सड़कों पर पानी का छिड़काव करा रही है. पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की कल करीब 3500 और आज करीब 4 हजार घटनाएं सामने आई हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
प्रदूषण को काबू करने के लिए दिल्ली में कई जगहों पर बड़े स्मॉग गन लगाए गए हैं और 114 टैंकर लगाकर पूरे दिल्ली में सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है, साथ ही, मानदंडों का उल्लंघन पाए जाने पर 92 निर्माण साइट्स को सील करने के आदेश दिए गए हैं.
गोपाल राय, पर्यावरण मंत्री, दिल्ली

'केजरीवाल सरकार ने लॉन्च किया था विंटर एक्शन प्लान'

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने एक माह पहले दिल्ली के अंदर वायु प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई को मजबूती से लड़ने के लिए विंटर एक्शन प्लान लांच किए थे. तभी से दिल्ली सरकार दिल्ली के लोगों के साथ मिलकर दिल्ली के अंदर के प्रदूषण को नियंत्रित करने पर काम कर रही है.

खतरनाक स्तर पर पहुंचा पॉल्यूशन

एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक सर गंगाराम अस्पताल के कार्डियोलॉजी के प्रोफेसर डॉ अरुण मोहंती ने कहा कि इस तरह की वायु गुणवत्ता सभी आबादी के लिए जबरदस्त स्वास्थ्य खतरा पैदा करती है. यह उन लोगों के लिए और अधिक खतरनाक है, जिन्हें पहले से ही हृदय रोग संबंधी समस्याएं हैं. .

रिपोर्ट्स के मुताबिक पर्यावरण विशेषज्ञ सुनील दहिया ने कहा कि, मुझे नहीं लगता कि लोग वास्तव में स्थिति की गंभीरता को समझ रहे हैं, खासकर जब एक्यूआई स्तर सहनशील स्तर को पार कर जाता है. वे स्वास्थ्य संबंधी खतरों से अनजान हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रदूषण के बढ़ने से कोरोना मरीजों के लिए भी खतरा हो सकता है.

पारस अस्पताल, गुरुग्राम के पल्मोनोलॉजी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार अरुणेश कुमार ने कहा है कि प्रदूषण से कोरोना के भी आंकड़े बढ़ सकते हैं. जिन मरीज़ों को सांस लेने में दिक्कत की शिक़ायत है, उनकी हम निगरानी कर रहे हैं. बच्चों और बुजुर्गों का खासकर ध्यान रखने की ज़रूरत है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×