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नताशा,कलिता आसिफ को तुरंत रिहा किया जाए,ट्रायल कोर्ट ने दिया आदेश

देवांगना कलिता, नताशा नरवाल और आसिफ इकबाल को UAPA के तहत गिरफ्तार किया गया था.

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दिल्ली की एक निचली अदालत ने गुरुवार, 17 जून को पिंजड़ा तोड़ की नताशा नरवाल, देवांगना कलिता और आसिफ इकबाल तन्हा को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया है. साथ ही अदालत ने दिल्ली पुलिस के उस आवेदन को भी खारिज कर दिया है जिसमें तीनों एक्टिविस्ट के पते और जमानतदारों के वेरिफिकेशन के लिए समय की मांग की गई थी.

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मंगलवार 15 जून को जेएनयू की छात्रा देवांगना कलिता, नताशा नरवाल और जामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा को दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी लेकिन रिहा होने से पहले ही दिल्ली पुलिस ने तीनों छात्रों की जमानत का विरोध करते हुए याचिका दायर की थी.

दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद मंगलवार को तुरंत रिहा नहीं होने के बाद, तीनों ने ट्रायल कोर्ट का रुख किया था.

दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट के एडिशनल सेशन मजिस्ट्रेट रविंदर बेदी ने कल देवांगना कलिता और नताशा नरवाल के पते और दूसरे सत्यापन की वजह से तत्काल रिहा करने का आदेश टाल दिया था. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से जल्द से जल्द वेरिफिकेशन रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा था.

सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने तीनों के वेरिफिकेशन के लिए और समय की मांग की थी. पुलिस की तरफ से कहा गया है कि इन एक्टिविस्ट का स्थायी पता झारखंड, असम और रोहतक का है इसलिए पते के वेरिफिकेशन के लिए ट्रैवल में दिक्कत आ रही है. लेकिन इन तीनों की तरफ से कहा गया है कि सभी दिल्ली के ही निवासी हैं और यहीं से गिरफ्तार किए गए थे दस्तावेजों पर दिल्ली का ही पता है. जिसके बाद जज ने थोड़ी कहा था कि इतना वक्त वेरिफिकेशन में नहीं लग सकता, दिल्ली के पते को वेरिफाई किया जा सकता है. जज ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

वहीं दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस ने तीनों छात्रों की जमानत का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. जिसे लेकर भी आज सुनवाई हुई है और उस याचिका पर भी आज फैसला आने की उम्मीद है.

तीनों को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किया गया था.

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