नोएडा पुलिस (Noida Police) ने रविवार 15 मई को एक 80 वर्षीय व्यक्ति को 17 साल की एक लड़की के साथ सात साल की अवधि तक कथित तौर पर 'डिजिटल रेप' (Digital Rape) किया. उसे रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया. 'डिजिटल रेप' में आरोपी व्यक्ति अपने हाथों, उंगलियों, पैर के अंगूठे या किसी अन्य वस्तु का उपयोग करता था.
मौरिस राइडर के रूप में पहचाने जाने वाले व्यक्ति पर पीड़िता के साथ अश्लील हरकत करने का भी आरोप लगाया गया था.
नाबालिग की शिकायत के आधार पर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (दुष्कर्म), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 506 (आपराधिक धमकी) और पोक्सो अधिनियम की धारा 5 और 6 के तहत मामला दर्ज किया है.
पता चला है कि आरोपी बुरे काम का विरोध करने पर पीड़िता की पिटाई भी करता था. एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है.
क्या होता है डिजिटल रेप?
यौन उत्पीड़न अगर डिजिट से किया गया हो, तब उसे 'डिजिटल रेप' कहा जाता है. डिजिटल रेप से जुड़ी घटनाओं में महिला के प्राइवेट पार्ट में फिंगर्स का इस्तेमाल किया जाता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक निर्भया कांड के बाद महिलाओं के खिलाफ बढ़ते दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न की घटनाओं पर लगाम कसने के लिए डिजिटल रेप में भी बेहद सख्त सजा का प्रावधान किया गया है
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