नेशनल कैपिटल रीजन प्लानिंग बोर्ड (NCRPB) ने अपने 'ड्राफ्ट रीजनल प्लान 2041' में एनसीआर को दिल्ली के 100 किमी के दायरे में सीमित करने का प्रस्ताव दिया है. इस प्रस्ताव का उद्देश्य एनसीआर क्षेत्र का ज्यादा केंद्रित और सतत विकास करना है.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार इस ड्राफ्ट में कहा गया है कि 100 किमी के दायरे के बाहर के वर्तमान के एनसीआर में एक्सप्रेसवे, नेशनल हाइवे, स्टेट हाइवे और रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के 1 किमी के दायेर में लीनियर कॉरिडोर विकसित किया जाए. इससे इन इलाकों में आने वाले कॉरिडोर में फोकस करके विकास किया जा सकेगा.
आवासीय एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने 16, दिसंबर को ड्राफ्ट रीजनल प्लान 2041 को सार्वजनिक किया है. 7 जनवरी तक इसे लेकर सलाह और आपत्ति दर्ज कराई जा सकती है. उसके बाद इसे नोटिफाई कर दिया जाएगा.
इसी साल 12 अक्टूबर को ड्राफ्ट रीजनल प्लान 2041 को NCRPB ने मंजूरी दी थी. वर्तमान में दिल्ली के 150-175 किमी के दायर में आने वाले सभी जिले, तहसील और ग्रामीण इलाके एनसीआर का हिस्स हैं और अगर नए ड्राफ्ट को मंजूरी मिल जाती है तो 100 किमी से ज्यादा दूरे के इलाके अब एनसीआर का हिस्सा नहीं रहेंगे.
यूपी और राजस्थान का नए ड्राफ्ट को लेकर कहना है कि अगर किसी तहसील का एक हिस्सा 100 किमी के दायरे में आता है तो पूरी तहसील को एनसीआर का हिस्सा घोषित किया जाना चाहिए. वहीं हरियाणा ने कहा है कि 100 किमी के दायरे में आने वाले तहसील को ही केवल एनसीआर का हिस्सा माना जाना चाहिए.
एनडीटीवी ने एक अधिकारी के हवाले से बताया है कि अगर किसी तहसील का कुछ हिस्सा 100 किमी के दायरे में होगा तो यह राज्य सरकार पर होगा कि वह पूरे शहर को एनसीआर में रखती है या फिर एनसीआर के दायरे से बाहर रखती है.
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