तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने बुधवार (20 सितंबर) को सनातन विवाद को फिर से हवा दे दी. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नए संसद भवन में आमंत्रित नहीं किया गया था, लेकिन कुछ 'फिल्मी सितारों' को बुलाया गया था क्योंकि मुर्मू एक आदिवासी समुदाय से हैं और एक विधवा हैं.
PTI की रिपोर्ट के अनुसार, तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने मदुरै में डीएमके यूथ विंग के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, "इसे हम सनातन धर्म कहते हैं."
इससे पहले भी उदयनिधि ने द्रौपदी मुर्मू का उदाहरण देते हुए कहा था कि उन्हें नए संसद भवन के उद्घाटन में आमंत्रित नहीं किया गया क्योंकि वह आदिवासी हैं. उन्होंने दावा किया कि उनकी सनातन जैसी डेंगू, मलेरिया वाली टिप्पणी जाति-आधारित समाज के खिलाफ थी, न कि हिंदू धर्म के खिलाफ.
इस पर तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष के अन्नामलाई ने उस वक्त डीएमके को घेरते हुए पूछा था कि फिर पार्टी ने राष्ट्रपति पद के लिए द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी का समर्थन क्यों नहीं किया.
वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी महिला आरक्षण विधेयक पर बोलते हुए नए संसद भवन में द्रौपदी मुर्मू की अनुपस्थिति का मुद्दा उठाया था.
सनातन धर्म में बहुजन का स्थान
यह काफी अच्छी बिल्डिंग है, अच्छा मोर, जमीन पर अच्छे मोर पंख. कुर्सी पर अच्छे मोर पंख. यह एक अच्छी, खूबसूरत बिल्डिंग है. लेकिन सच कहूं तो, मुझे इस प्रक्रिया में भारत के राष्ट्रपति को देखना अच्छा लगता. भारत की राष्ट्रपति एक महिला हैं, वह आदिवासी समुदाय का प्रतिनिधित्व करती हैं, और एक सदन से दूसरे सदन में इस शिफ्टिंग में उनका दिखना उचित होता.राहुल गांधी, कांग्रेस नेता
बता दें कि गणेश चतुर्थी (19 सितंबर) के अवसर पर संसद का कामकाज पुराने भवन से नए भवन में शिफ्ट हो गया. मंगलवार को कई अभिनेताओं ने नए संसद भवन का दौरा भी किया.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)