चुनाव आयोग ने आयकर विभाग के 110 आईआरएस अधिकारियों को महाराष्ट्र और हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए नियुक्त किया है. इनका काम होगा चुनाव प्रचार पर होने वाले खर्चों की निगरानी करना और खर्चों की पारदर्शिता सुनिश्चित करना. चुनाव आयोग के अधिकारियों ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी.
आईआरएस अधिकारियों को इन दोनों राज्यों में चुनाव प्रक्रिया के दौरान काले धन के इस्तेमाल और वोटरों को लुभाने के अवैध तरीकों की जांच करने का काम सौंपा जाएगा. इन अधिकारियों को 23 सितंबर को केंद्रीय पोल-पैनल की ओर से उनकी पहली ब्रीफिंग के लिए दिल्ली में बुलाया गया है.
एक चुनाव अधिकारी ने कहा कि चुनाव आयोग ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को अपने प्रभार से इन अधिकारियों को राहत देने के लिए कहा है ताकि उन्हें चुनाव ड्यूटी पर लगाया जा सके. सीबीडीटी टैक्स विभाग की पॉलिसी बनाने वाली निकाय है.
अधिकारी ने कहा कि भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के इन अधिकारियों को चुनाव आयोग के हिस्से के रूप में दो राज्यों के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा, ताकि उम्मीदवारों और मतदाताओं के लिए एक पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित किया जा सके.
खर्चों पर अधिकारियों की रहेगी पैनी नजर
चुनाव आयोग ने सीबीडीटी को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है कि इन चुनावी राज्यों, आस-पास के राज्यों और दिल्ली में संदिग्ध फंड से कैश और इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन पर नजर रखने के लिए अलग से उपाय करने को तैयार रहें. धन की आवाजाही की जांच के लिए इनकम टैक्स विभाग इन दोनों राज्यों के सभी हवाई अड्डों पर अपनी एयर इंटेलिजेंस यूनिट को भी सक्रिय रखेगा. अधिकारी ने कहा कि यह यूनिट बैंकों के जरिए पैसों की आवाजाही की जांच करने के लिए फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU) के साथ मिलकर काम करेगा.
(इनपुट - PTI)
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