प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम की 90 लाख रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है. ये कार्रवाई ED ने एयरसेल-मैक्सिस सौदे में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी अपनी जांच के सिलसिले में किया है.
ED ने कहा है कि उसने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (PMLA) के तहत 90 लाख रुपये की संपत्ति की अस्थाई कुर्की के आदेश जारी किया है. साथ ही कथित तौर पर कार्ति चिदंबरम से जुड़ी कंपनी एडवांटेज स्ट्रेटेजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड की भी 26 लाख रुपये की संपत्ति जब्त की गई है.
ED ने कार्ति पर लगाए कुछ और आरोप
ED का कहना है कि ये कंपनी एक दूसरे शख्स के जरिए कार्ति कंट्रोल करते हैं. ED ने ये भी आरोप लगाया है कि कार्ति ने गुरुग्राम में एक संपत्ति को निपटा दिया था और जब्ती की प्रक्रिया को नाकाम करने के लिए कुछ बैंक खातों को बंद कर दिया और कुछ दूसरे खातों को बंद करने की कोशिश भी की. मामले में सीबीआई के केस दर्ज करने के बाद एयरसेल-मेक्सिस सौदे की ED जांच कर रहा है.
क्या है मामला ?
विदेशी निवेश प्रोत्साहन बोर्ड (FIPB) मंजूरी से जुड़े केस में कार्ति चिदंबरम पर अवैध तरीके से फायदा उठाने, सरकारी अधिकारी को प्रभावित करने और आपराधिक आचरण का आरोप लगाया गया है. दावा किया गया है कि आईएनएक्स मीडिया को 300 करोड़ का फायदा पहुंचाने के बदले करोड़ों रुपये की रिश्वत हासिल की गई है.
पी चिदंबरम ने जारी किया था बयान
इस मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने मई के महीने में कड़ा बयान जारी किया था. उन्होंने कहा था कि उनके परिवार के किसी सदस्य पर फॉरेन इनवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (FIPB) के फैसलों को प्रभावित करने का आरोप लगाना बिलकुल गैरवाजिब है.
चिदंबरम ने कहा था कि फैसले को प्रभावित करने का ये मामला केंद्र सरकार के 6 सचिवों पर घृणित आरोप हैं. उन्होंने बयान में कहा था:
मेरे साथ काम करने वाला हर शख्स जानता है कि कोई भी मेरे फैसले को प्रभावित करने की हिम्मत नहीं कर सकता. मैंने अपने परिवार के सदस्यों को मंत्रालय से संबंधित किसी भी मामले या किसी भी ऑफिसर से बात करने की अनुमति नहीं दी थी.
ED की इस कार्रवाई के बाद कार्ति की मुश्किलें ज्यादा बढ़ सकती हैं.
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