Electoral Bonds Data Analysis: देश की राजनीतिक पार्टियों को प्राइवेट कंपनियों से मिले चुनावी चंदे का पिटारा खुल गया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद SBI ने इलेक्टोरल बॉन्ड का यूनिक नंबर समेत सभी डाटा सार्वजनिक कर दिया है. चंदा देने वाली कंपनियों में टॉप कंपनियों में हल्दिया ग्रुप (Haldia Energy Limited) भी शामिल है. चलिए जानते हैं कि इस कंपनी ने किस राजनीतिक दल को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए कितना चंदा दिया?
सामने आई कंपनियों की लिस्ट में हल्दिया एनर्जी लिमिटेड HEL को मई 2019, जुलाई 2021, अक्टूबर 2021, जुलाई 2022 और जनवरी 2023 में किए गए 377 करोड़ रुपये के चंदे के साथ टॉप पांच डोनर में से एक थी.
कंपनी ने कुल 395 बॉन्ड खरीदे. कंपनी के ओर से मिले 203 बॉन्ड को टीएमसी ने भुनाया. जिनसे कंपनी को 203 करोड़ रुपये मिले.
बीजेपी ने हल्दिया से मिले 139 बॉन्ड भुनाए जिसकी कीमत 121 करोड़ रुपये है.
कांग्रेस ने हल्दिया से मिले कुल 36 चुनावी बॉन्ड भुनाए, जिससे पार्टी को 36 करोड़ रुपये मिले.
2019 की बात करें तो 7 मई से 1 अक्टूबर 2019 तक हल्दिया ने बीजेपी को चंदा दिया. इस दौरान बीजेपी को कंपनी से 160 करोड़ रुपये मिले.
कंपनी का मालिक कौन?
संजीव गोयनका साल 2018 तक कंपनी के निदेशक रहे हैं. कंपनी की स्थापना 29 नवंबर, 1994 को की गई थी. कंपनी की वेबसाइट पर लिखा है, "समूह के कारोबार में बिजली एवं ऊर्जा, कार्बन ब्लैक विनिर्माण, खुदरा, आईटी-सक्षम सेवाएं, एफएमसीजी, मीडिया एवं मनोरंजन और कृषि शामिल हैं."
सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, हल्दिया एनर्जी लिमिटेड कोलकाता में कंपनी रजिस्ट्रार में रजिस्टर है. कंपनी "वास्तुकला, इंजीनियरिंग और अन्य तकनीकी गतिविधियों" में कारोबार करती है.
देबांजन मंडल, नोशिर नवल फ्रामजी, गार्गी चटर्जी और रबी चौधरी हल्दिया एनर्जी लिमिटेड के अन्य निदेशक हैं.
द रिपोर्टर्स कलेक्टिव की रिपोर्ट के मुताबिक, हल्दिया पश्चिम बंगाल में सरिसाटोली कोयला खदान के लिए एक ऑनलाइन बोली लगाने में भी शामिल थी.
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