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Electoral Bond Data Analysis: इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ा अल्फान्यूमेरिक कोड डेटा सामने आने के बाद अब ये आसानी से पता चल रहा है कि किसने कितने का बॉन्ड खरीदा और उसे किसने भुनाया. यानी किस निजी कंपनी ने किस पॉलिटिकल पार्टी को कितना चंदा दिया, अब इसकी भी जानकारी सबके सामने आ गई है.
डेटा से साफ है कि केंद्र की सत्तारूढ़ राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) चंदा पाने वालों की लिस्ट में सबसे टॉप पोजिशन पर है. जबकि कांग्रेस भी चंदा पाने वालों की सूची में तीसरे स्थान पर है. उससे आगे ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस पार्टी है.
क्विंट हिंदी लगातार आपको चुनावी बॉन्ड का विशलेषण करके, अलग-अलग स्टोरी बता रहा है.
इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे की केंद्र की सत्ता से दस सालों से दूर रही कांग्रेस पार्टी के खाते में चंदे के रूप में कितने पैसे हैं और किन कंपनियों ने पैसा देकर "कांग्रेस का हाथ" मजबूत किया है.
कांग्रेस को इलेक्टोरल बॉन्ड देने वाली टॉप 10 कंपनियां कंपनी कौन हैं?
अब तक सामने आए डेटा के अनुसार, वेदांता लिमिटेड कांग्रेस को चंदा देने की लिस्ट में सबसे टॉप पोजिशन पर है. कंपनी ने 125 करोड़ रुपये कांग्रेस को दिये हैं. दूसरे नंबर पर वेस्टर्न यूपी पावर है जिसने 110 करोड़ रुपये दिये हैं. तीसरे नंबर पर एमकेजे एंटरप्राइजेज ने 91 करोड़ रुपये दिये हैं. वहीं, चौथे नंबर पर यशोदा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल ने 64 करोड़ रुपये चंदे के तौर पर दिया है.
पांचवें नंबर पर AVS ट्रेडिंग फाइनेंस लिमिटेड ने 64 करोड़ रुपये दिया है. फ्यूचर गेमिंग एंड होटल लिस्ट में छठवें नंबर पर है, जिसने 50 करोड़ रुपये दिया है. सांतवें नंबर पर ससमल इन्फ्रास्ट्रक्चर ने 39 करोड़ रुपये दिये हैं.
वहीं, आठवें पर ऋत्विक प्रोजेक्ट्स ने 30 करोड़, 9वें नंबर पर एसईपीसी पावर ने भी 30 करोड़ रुपये दिया है जबकि दसवें नंबर पर सिद्धि ट्रेडिंग है, जिसने 22 करोड़ रुपये ग्रैंड ओल्ड पार्टी के खाते में चंदे के रूप में डोनेट किया है.
कुल मिलाकर जोड़ें तो कांग्रेस पार्टी को इन दस कंपनियों ने 614 करोड़ रुपये चंदे के तौर पर दिये हैं.
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