ट्विटर को एलन मस्क (Tesla CEO Elon Musk) ने खरीद लिया है और इसके साथ ही सीईओ पराग अग्रवाल (Parag Agrawal) की छुट्टी भी हो गई हैं. पराग ने नवंबर 2021 में ट्विटर के CEO की कुर्सी संभाली थी.
जितना भरोसा जैक डॉर्सी (Jack Dorsey) ने पराग को यह महत्वपूर्ण पद को सौंपते हुए जताया था, उतना भरोसा एलन मस्क का उनमें नजर नहीं आया ये पहले ही दिख गया था. मस्क ने 14 अप्रैल को एक सिक्योरिटीज फाइलिंग में कहा था कि उन्हें ट्विटर के मैनेजमेंट पर कोई भरोसा नहीं है.
इसी से संकेत मिला था एलन मस्क अब अपनी पसंद के मैनेजमेंट को कंपनी में लाना चाहेंगे, पराग अग्रवाल का जाना उसी वक्त तय माना जा रहा था. मस्क लगातार ट्विटर की पॉलिसी को लेकर सवाल उठाते रहे हैं, जिससे स्पष्ट है कि वे सीईओ पराग के काम के तरीके से खुश नहीं थे.
इधर पराग का रुख भी मस्क के लिए कुछ खास उत्साहजनक नहीं था. अमेरिकी मीडिया में आज जो खबरें आई हैं उनके अनुसार पराग अग्रवाल ने ट्विटर के बिकने के बाद कर्मचारियों की मीटिंग लेते हुए कहा था कि मस्क की लीडरशिप में ट्विटर का भविष्य अंधकार में है, किसी को नहीं मालूम कि कंपनी अब किस दिशा में जाने वाली है.
इन सब खबरों और तथ्यों के बाद तो लगता है कि इस कंपनी में अब भारतीय मूल के पराग अग्रवाल की स्थिति बहुत अच्छी नहींं लगती.
मस्क और पराग के बीच क्या मतभेद
एलन मस्क ट्विटर के वर्तमान तौर तरीके आदि को लेकर बिल्कुल खुश नजर नहीं थे, इसमें एडिट बटन लाने को लेकर तो वह कैंपेन तक छेड़ चुके हैं, जबकि पराग और न ही उनके पूर्ववर्ती डॉर्सी एडिट बटन चाहते थे. एलन मस्क ने तो ट्विटर पर एडिट बटन के लिए वोटिंग तक करवा दी. उन्होंने ट्विटर पर लोगों से पूछा था कि- 'क्या वो एडिट बटन चाहते हैं?' यानी किसी ट्वीट को डिलीट करने के बजाय एडिट किया जा सके.
पराग अग्रवाल को शायद मस्क का यह रवैया पसंद नहीं आया था, तभी तो उन्होंने इसी पोल के जवाब में यूजर्स से आग्रह किया था कि वो सावधानी से वोट करें. इस वोटिंग के नतीजे महत्वपूर्ण होंगे. ट्वीट एडिट बटन का तो जैक डोर्सी ने भी खुलकर विरोध किया था, पराग और जैक का मानना रहा है कि एडिट बटन दे दिया तो लोग अपने ट्वीट्स का अर्थ ही पूरी तरह बदल दिया करेंगे.
एडिट बटन तो एलन मस्क की ट्विटर मैनेजमेंट से असहमतियों की केवल एक बानगी है. मस्क की ट्विटर से नाखुशी से एक वक्त ऐसा लगने लगा था कि कहीं दुनिया का यह सबसे अमीर शख्स ट्विटर को सुधारने के लिए उसके मुकाबले एक नया सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ही खड़ा कर देगा.
पर एलन मस्क ने नया ट्विटर बनाने की ट्रंप की राह नहीं चुनी, बल्कि अपनी अथाह दौलत के दम पर ट्विटर को ही खरीद लिया. बीबीसी में छपी एक रिपोर्ट में अमेरिका की कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर अलेक्सांद्रा सिरोन ने तो यह तक अंदेशा जताया कि उन्होंने ट्विटर में मालिकाना हक लिया ही इसलिए है, कि इसका इस्तेमाल उसके काम काज को प्रभावित करने के लिए कर सकें.
कैसा होगा एग्जिट पैकेज?
पराग को अगर ट्विटर छोड़ने के लिए कहा जाता है तो उन्हें अच्छा खास एग्जिट पैकेज मिल सकता है. रिसर्च फर्म Equilar ने पराग की बेस सैलरी और बाकी इक्विटी अवॉर्ड्स के आधार पर इसका अंदाजा लगाया है.
उन्हें लगभग 42 मिलियन डॉलर (321 करोड़ रुपये) मिलेंगे. (Equilar) के अनुसार, उनके अनुबंध में उल्लेख है कि कंपनी के सीईओ के रूप में नियुक्त होने के 12 महीनों के भीतर अगर उन्हें निकाला जाता है तो उन्हें लगभग 42 मिलियन डॉलर का भुगतान करना होगा. ट्विटर प्रॉक्सी के मुताबिक 2021 के लिए उनका टोटल कंपनसेशन 3.04 करोड़ डॉलर था, जिसमें ज्यादातर स्टॉक अवॉर्ड के रूप में मिला था.
कैसा होगा पराग का फ्यूचर
भले ही पराग ट्विटर से चले जाएं, पर उनका फ्यूचर बेहद ब्राइट है. इसका कारण है उनकी इंजीनियर एक्सपर्टीज जो कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और ऐड नेटवर्क में है. इन दोनों की दुनिया की हर कंपनी की भविष्य की सबसे बड़ी आवश्यकता है. ट्विटर में उन्होंने साइंस टीम्स में मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंजीनियरिंग (AI) के टेक्निकल स्ट्रेटेजी बनाने में जबरदस्त काम किया है, इसके साथ ही ट्विटर में समूचे कंज्यूमर, रेवेन्यू प्लेटफॉर्म को इंजीनियरिंग वर्क से जोड़ा है.
ट्विटर में पराग की आर्टफिशियल इंटेलीजेंस पर महारत से कंपनी को 2016-17 सत्र के दौरान अपने ऑडिएंस ग्रोथ को तेजी से बढ़ाने में काफी मदद मिली थी. टेक्निकल स्ट्रेटजी और सुपरविजन के हेड और ट्विटर के ब्लूस्काई विजन के प्रभारी रहते हुए उन्होंने फ्यूचर की वर्किंग के लिए अपनी उम्र की तुलना में अथाह अनुभव हासिल कर रखा है.
कौन हैं पराग अग्रवाल ?
ट्विटर के सीईओ पद को संभालने वाले पराग अग्रवाल मूलत: राजस्थान के अजमेर के रहने वाले हैं. वह आईआईटी बॉम्बे से ग्रेजुएट हैं. पराग कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग में बैचलर है. इसके बाद उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी (Stanford University) से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी की.
उन्होंने ट्विटर के सह-संस्थापक और 16 साल तक कंपनी में सह संस्थापक, सीईओ, चेयरमैन, कार्यकारी चेयरमैन, अंतरिम सीईओ, सीईओ जैसी भूमिकाएं निभाने वाले जैक डोर्सी की जगह ली थी. खुद डॉर्सी ने ट्विटर सीईओ के तौर पर पराग अग्रवाल के चुने जाने की जानकारी दी थी.
साल 2011 में ट्विटर में ज्वॉइनिंग से पहले पराग माइक्रोसॉफ्ट, याहू में बतौर टीम लीडर काम कर चुके थे और AT&T में रिसर्च इंटर्नशिप कर चुके थे. अपनी पहली तैनाती के तौर पर उन्हें रेवन्यू और कंज्यूमर इंजीनियरिंग का काम देखने को दिया गया.
अपने काम का लोहा मनवाते हुए वह 2017 में ट्विटर के सीटीओ बन गए थे. 2019 में उन्हें ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी ने गलत सूचनाओं को कंट्रोल करने के लिए बनाई ओपन सोर्स आर्किटेक्ट्स की एक स्वतंत्र टीम प्रोजेक्ट ब्लूस्की का लीडर बनाया. 2021 में उन्हें सीईओ बनाया गया था. अभी उनकी उम्र मात्र 37 साल है और वह दुनिया की बड़ी कंपनियों में सबसे कम उम्र के सीईओ में से हैं.
पराग की पर्सनल लाइफ
काफी सारे रीडर्स पराग की पर्सनल लाइफ (Parag Agarwal Personal Life) के बारे में भी जानना चाहते हैं. पराग की पत्नी विनीता अग्रवाल पेशे से फिजीशियन हैं. उनके ट्विटर प्रोफाइल में उल्लेख है कि वह स्टैनफोर्ड स्कूल ऑफ मेडिसिन में डॉक्टर और क्लीनिकल प्रोफेसर के तौर पर काम करती हैं. दोनों ने जनवरी 2016 में विवाह किया था. पराग व विनीता के सोशल मीडिया से जानकारी मिली है कि पराग ने विनीता को न्यूयॉर्क के प्रसिद्ध सेंट्रल पार्क में स्थित वैग्नर कोव में प्रपोज किया था. दोनों की शादी जयपुर के अंबर विला में हुई थी.
इससे पहले विनीता अग्रवाल एक कंपनी आंद्रेसेन होरोविट्ज़ में जनरल पार्टनर रही हैं, जहां वह फार्मास्यूटिकल्स, डायग्नोस्टिक्स और डिजिटल हेल्थ जैसी बॉयोलोजिक फर्मों का इनवेस्टमेंट प्रबंधन देखती थीं. वह फ्लैटिरॉन हेल्थ नामक कंपनी में प्रोडक्ट मैनेजमेंट डायरेक्टर भी रह चुकी हैं.
पराग व विनीता के अंश अग्रवाल नाम का एक छोटा बेटा है. जिसका जन्म 22 नवंबर, 2018 केा हुआ था. इनका परिवार सैन फ्रांसिस्को (कैलिफोर्निया) में रहता है.
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