ADVERTISEMENTREMOVE AD

SC के 2 पूर्व स्टाफ गिरफ्तार, अनिल अंबानी को मदद पहुंचाने का आरोप

दोनों ने कथित तौर पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश में बदलाव कर उसे वेबसाइट पर अपलोड किया था

Published
भारत
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

दिल्ली पुलिस ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के बर्खास्त किए गए दो पूर्व कर्मचारियों को गिरफ्तार किया. दोनों पर 400 करोड़ के एरिक्सन मामले में उद्योगपति अनिल अंबानी को गैरकानूनी तरीके से फायदा पहुंचाने का आरोप है.

दोनों ने वेबसाइट पर कथित तौर पर एक गलत आदेश अपलोड किया था, जिसके मुताबिक इस मामले में अनिल अंबानी को सुप्रीम कोर्ट में हाजिर होने से छूट दी गयी है, जबकि असल में कोर्ट ने आदेश दिया था कि अगली सुनवाई के दौरान वे कोर्ट में मौजूद रहें.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

क्या है मामला

यह घटना 7 जनवरी की है, जब सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस आरएफ नरीमन और विनीत शरण की बेंच ने स्वीडिश टेलीकॉम ग्रुप एरिक्सन की ओर से दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए अनिल अंबानी को व्यक्तिगत पेशी का निर्देश दिया. हालांकि, जब यह आदेश वेबसाइट पर अपलोड किया गया था, तो उसमें लिखा था कि अदालत में अनिल अंबानी की मौजूदगी की जरूरत नहीं है,

इसे एरिक्सन के वकीलों की ओर से अदालत की जानकारी में लाया गया था और इसके बाद 10 जनवरी को सही आदेश वेबसाइट पर अपलोड किया गया.

ये भी पढ़ें- अनिल अंबानी को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, पैसा चुकाएं वरना जाएंगे जेल

गिरफ्तार किए गए दोनों लोगों की पहचान कोर्ट मास्टर मानव शर्मा और सहायक रजिस्ट्रार तपन कुमार चक्रवर्ती के तौर पर की गई है. अदालत के आदेश के साथ छेड़छाड़ की शिकायत मिलने के बाद चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने दोनों कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट के प्रशासन विभाग से शिकायत मिलने के बाद एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने एफआईआर दर्ज की थी.

क्या है एरिक्सन विवाद

एरिक्सन इंडिया ने अपने नेटवर्क के प्रबंधन और संचालन के लिए 2014 में अनिल अंबानी की कंपनी आरकॉम के साथ सात साल का करार किया था. पिछले साल एरिक्सन ने आरकॉम के खिलाफ 576.77 करोड़ रुपये की बकाया राशि को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा दायर किया था.

अनिल अंबानी ने अदालत को बताया था कि उनकी कंपनी ने संपत्तियों की बिक्री में नाकाम होने की वजह से दिवालिया होने की कगार पर आ चुकी है, और इसलिए अब कंपनी के फंड्स उनके नियंत्रण में नहीं हैं.

इस बीच, एरिक्सन ने तर्क दिया कि रिलायंस ग्रुप के पास राफेल जेट सौदे में निवेश करने के लिए पैसे थे, लेकिन वह अपना बकाया चुकाने में नाकाम रहा.

फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने अनिल अंबानी के आरकॉम और उसके दो डायरेक्टर्स को निर्देश दिया था कि वे चार हफ्तों के अंदर एरिक्सन को उसका बकाया भुगतान करें या अदालत की अवमानना

के लिए तीन महीने की जेल की सजा काटें.

अनिल अंबानी ने अपने भाई मुकेश अंबानी की मदद से कोर्ट की समय सीमा से एक दिन पहले 18 मार्च को एरिक्सन को 458.77 करोड़ रुपये का भुगतान किया था.

(इनपुट: एनडीटीवी)

ये भी पढ़ें - मुकेश और अनिल अंबानी : एक भाई अर्श पर दूसरा फर्श पर कैसे पहुंच गया

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

0
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×