ADVERTISEMENTREMOVE AD

EU सांसदों ने कहा-हम आतंक के खिलाफ, नाजीवाद के समर्थक नहीं

कश्मीर दौर पर आए ईयू सांसदों ने कहा, अगर हम नाजीवादी होते तो जनता हमें नहीं चुनती

Updated
भारत
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

कश्मीर का दौरा कर रहे यूरोपीय सांसदों ने बुधवार को अपनी प्रेस कांफ्रेस में कहा कि राज्य के लोग शांति चाहते हैं. कश्मीरी अवाम विकास चाहती है. सांसदों ने सेना से आतंक को लेकर बातचीत की है. भारत एक शांतिप्रिय देश है. यूरोप आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ है. प्रेस कांफ्रेंस में यूरोपीय सांसदों ने कहा कि उनके दौरे को गलत नजरिये से देखा गया. वे नाजीवादी नहीं हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

सांसदों ने कहा, हम नाजी समर्थक नहीं

यूरोपीय सांसदों ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि टीम कश्मीर को तथ्यों को देखने आई है. टीम ने राज्य में आतंक को लेकर सेना से बातचीत की. आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में यूरोप भारत के साथ हैं. हालांकि पत्रकारों ने जब उनसे पूछा गया कि क्या वो इस दौरे की रिपोर्ट यूरोपीय संसद में जमा करेंगे, तो उन्होंने कहा कि वो ऐसा नहीं करेंगे.

0
सांसदों की प्रेस कांफ्रेंस में कहा गया कि टीम में आए लोग नाजी लवर्स नहीं हैं. अगर यह टीम नाजीवादी लोगों की होती तो इसमें शामिल लोगों को जनता संसद के लए नहीं चुनती.

दरअसल यूरोपीय सांसदों के इस दौरे को पीएम नरेंद्र मोदी का 'पब्लिक रिलेशन' माना जा रहा है. यह भी कहा जा रहा है कि इस डेलिगेशन में ज्यादातर लोग राइट विंगर या सेंटर-राइट विंगर हैं. सांसदों को नाजीवादी और नाजी समर्थक भी कहा जा रहा है. यही वजह है कि यूरोपीय सांसदों के प्रेस कांफ्रेंस में इस मुद्दे पर सफाई दी गई.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

आर्टिकल 370,भारत का आतंरिक मामला

सांसदों ने आर्टिकल 370 के बारे में कहा कि यह भारत का आतंरिक मामला है. भारत और पाकिस्तान को शांति के लिए आपस में बातचीत करनी चाहिए. हालांकि जब सांसदों ने पत्रकारों से कश्मीर दौरे के बारे में पूछा तो प्रतिनिधिमंडल ने कहा, उन्हें ज्यादा लोगों से बात करने का मौका नहीं मिला. लेकिन कश्मीर न जाने से अच्छा यह था कि वहां थोड़े वक्त के लिए जाया जाए.

यूरोपीय सांसद मंगलवार को श्रीनगर पहुंचे थे. सांसदों ने स्थानीय नेताओं, अधिकारियों, सरपंचों से मुलाकात की थी. इसके अलावा सभी सांसद श्रीनगर की मशहूर डल झील भी गए थे. कश्मीर घाटी के हालात पर सांसदों ने सेना से भी बात की. उनकी मुलाकात राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से भी हुई.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×