राज्यसभा में भारी हो-हल्ले के बीच कृषि विधेयक पास हो गए हैं. भारी विवाद के चलते कल सुबह 9 बजे तक के लिए राज्यसभा को स्थगित भी कर दिया गया है. वहीं विपक्षी सांसदों ने RSTV की फीड बंद करने का आरोप लगाया है.
तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रॉयन ने कहा, "इन लोगों ने संसद का हर नियम तोड़ा है. बद्तर मायनों में यह एक ऐतिहासिक दिन था. इन लोगों ने RSTV की फीड बंद करवा दी, ताकि यहां जो हो रहा है, उसे देश ना देख सके. उन्होंने RSTV को सेंसर करवा दिया."
किसानों का डेथ वारंट: कांग्रेस
बता दें कृषि विधेयकों का भारी विरोध हुआ है. सदन की कार्रवाई के दौरान भारी नारेबाजी भी होती रही. कांग्रेस ने तो इसे किसानों का डेथ वारंट तक करार दिया.
कांग्रेस इन बुरी मंशा वाले और गलत वक्त पर आए विधेयकों का विरोध करती है. हम किसानों के इस डेथ वारंट पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे. इससे पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों को बहुत नुकसान होगा.प्रताप सिंह बाजवा, सांसद, कांग्रेस
पंजाब के किसानों को कमजोर मत समझना: शिरोमणि अकाली दल
इन विधेयकों को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाना चाहिए, ताकि जिन लोगों का इसके प्रावधानों की वजह से कुछ भी दांव पर लगा हुआ है, उनकी बात सुनी जा सके. यह मत समझना कि पंजाब के किसान कमजोर हैं- नरेश गुजराल, सांसद, शिरोमणि अकाली दल
बता दें कृषि विधेयकों पर 17 सिंतबर को लोकसभा में वोटिंग हुई थी. जिसके बाद अकाली दल की एकमात्र केंद्रीय हरसिमरत कौर बादल ने इस्तीफा दे दिया था. विपक्ष के हंगामे के बाद प्रधानमंत्री ने भी अपनी बात रखी थी. उन्होंने भरोसा दिलाते हुए कहा था कि नए विधेयकों से MSP की व्यवस्था खत्म नहीं होगी. लेकिन पीएम के भरोसे पर अकाली दल ने सवाल उठाते हुए कहा था कि MSP खत्म ना करने की बात को विधेयक में डाला जाना चाहिए था.
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