कृषि विधेयकों (Farm Bill 2020) पर इस वक्त पूरे देश में प्रदर्शन हो रहे हैं. इस बीच 17 सितंबर को लोकसभा से पास होने के बाद आज विधेयकों को राज्यसभा (Rajya Sabha) में रखा गया. विधेयकों पर विपक्षी पार्टियों की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया आई. वहीं कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इसे किसानों की जिंदगी में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाली पहल बताया.
किसानों का डेथ वारंट: कांग्रेस
कांग्रेस नेता और सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने विधेयकों को किसानों का डेथ वारंट बताया. उन्होंने कहा,
कांग्रेस इन बुरी मंशा वाले और गलत वक्त पर आए विधेयकों का विरोध करती है. हम किसानों के इस डेथ वारंट पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे. इससे पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों को बहुत नुकसान होगा.प्रताप सिंह बाजवा, सांसद, कांग्रेस
प्रधानमंत्री की वायदे निभाने की साख बहुत कमजोर: तृणमूल कांग्रेस
तृणमूल कांग्रेस के नेता और सांसद डेरेक ओ ब्रॉयन ने कहा,
प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्ष जनता को गुमराह कर रहा है. आपने कहा कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी. लेकिन मौजूदा दरों पर 2028 के पहले किसानों की आय दोगुनी नहीं हो सकती. आपकी वायदों को निभाने की साख बहुत कमजोर है.डेरेक ओ ब्रॉयन, सांसद, तृणमूल कांग्रेस
किसी किसान संगठन से नहीं की बात: रामगोपाल यादव, समाजवादी पार्टी
समाजवादी पार्टी रामगोपाल यादव ने सवाल उठाया कि सरकार विधेयकों को इतनी हड़बड़ी में पास करवाने पर क्यों तुली है. इन पर विमर्श या बातचीत करने के लिए सरकार तैयार क्यों नहीं हैं. इन्हें बनाने में किसी किसान संगठन से तक बात नहीं की गई.
विधेयकों से किसानों को गुलाम बना दिया जाएगा: DMK
वह किसान जो जीडीपी में 20 फीसदी का योगदान देते हैं, उन्हें इन विधेयकों के जरिए गुलाम बना दिया जाएगा. यह विधेयक किसानों को मार देंगे और उन्हें एक वस्तु बना देंगे- टी के एस एलांगोवान, डीएमके सांसद
पंजाब के किसानों को कमजोर मत समझना: शिरोमणि अकाली दल
इन विधेयकों को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाना चाहिए, ताकि जिन लोगों का इसके प्रावधानों की वजह से कुछ भी दांव पर लगा हुआ है, उनकी बात सुनी जा सके. यह मत समझना कि पंजाब के किसान कमजोर हैं.- नरेश गुजराल, सांसद, शिरोमणि अकाली दल
विधेयकों पर चर्चा के लिए बुलाया जाए विशेष सत्र: शिवसेना
लोकसभा में शिवसेना ने बीजेपी का साथ देते हुए विधेयक के पक्ष में वोटिंग की थी. लेकिन अब पार्टी राज्यसभा में अलग ही रुख अपना रही है. पार्टी के नेता और सांसद संजय राऊत ने कहा, "क्या सरकार इस बात का भरोसा दिलवा सकती है कि इन कृषि सुधार विधेयकों के पास होने के बाद किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी, कोई किसान आत्महत्या नहीं करेगा. इन विधेयकों पर चर्चा करने के लिए अलग सत्र बुलाया जाना चाहिए."
राऊत ने आगे कहा कि पीएम ने कहा कि इस विधेयक से MSP व्यवस्था खत्म नहीं होगी. यह कोरी अफवाह है. तो क्या एक केंद्रीय मंत्री अफवाह के आधार पर इस्तीफा दे दिया.
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