बदायूं जिले के सहसवां तहसील में एक किसान को किसी दूसरे का 80 हजार रुपये का बिल न चुकाने की सजा जान देकर चुकानी पड़ी. बृजपाल मौर्य नाम के इस किसान को बिजली बिल न चुकाने के आरोप में रेवेन्यू जेल में बंद कर दिया गया था, जहां उसकी हालत खराब होने के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई.
‘गलत’ बिल न चुकाने के आरोप में गिरफ्तार
बृजपाल को 23 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था. 3 अक्टूबर को वह बीमार पड़ गया था. अस्पताल ले जाते वक्त उसकी मौत हो गई. इसके बाद बदायूं के डीएम दिनेश कुमार सिंह ने रेवेन्यू डिपार्टमेंट के तीन कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया था.
इस बीच एक वायरल वीडियो हो रहा है जिसमें बृजपाल कथित तौर पर कह रहा है कि उसे जिस बिल को न चुकाने के आरोप में जेल में बंद किया गया है, वह उसका है ही नहीं. बृजपाल कह रहा है कि रेवेन्यू सर्टिफिकेट में उसका नाम है लेकिन पिता का कोई और नाम लिखा है. इसके अलावा बिल एक दुकान का है. उसकी कोई दुकान नहीं है.
बृजपाल के भाई महेश ने बताया कि उनके भाई पर प्रशासन ने ऐसा कोई जुल्म नहीं है, जो नहीं किया. घर से मारते हुए लेकर गए थे और उनके गुप्तांगों पर भी हमला किया. हिरासत के दौरान मिलने भी नहीं दिया गया. पोस्टमार्टम में भी मिलीभगत से गलत रिपोर्ट बनवाई गई है. हमें न्याय चाहिए. उनका कहना है कि एसडीएम संजीव कुमार, तहसीलदार धीरेंद्र और अमीन आशाराम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई और जेल भेजा जाए.
बदायूं के कमिश्नर ने कहा कि कि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा ना हो, इसलिए जांच कराई जा रही है. जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. इस मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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