पंजाब (Punjab) के गुरदासपुर जिले के चाचेकी गांव के एक किसान ज्ञान सिंह की शुक्रवार, 16 फरवरी को दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई है. ज्ञान सिंह किसान मजदूर संघर्ष समिति के सदस्य थे, जो दिल्ली-हरियाणा शंभू बॉर्डर पर 'दिल्ली चलो' आंदोलन (Farmers Protest) में शामिल थे.
किसान की हार्ट अटैक से मौत
शंभू बॉर्डर पर वे भी हजारों किसान के साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) गारंटी, कर्ज माफी और 2020-21 के किसान आंदोलन के दौरान उनके खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए जाने की मांग कर रहे थे.
पटियाला के राजिंदरा नाम के सरकारी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ हरनाम सिंह ने द क्विंट से कहा कि, "उन्हें दिल का दौरा पड़ने के बाद अस्पताल लाया गया था. जब उन्हें लाया गया तो उनकी हालत गंभीर थी. हम उन्हें आपातकालीन वार्ड में ले गए. सुबह लगभग 6 बजे उनकी मौत हो गई."
शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि सिंह को सुबह करीब तीन बजे बेचैनी महसूस होने के बाद सबसे पहले राजपुरा के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वहां से उन्हें पटियाला के राजेंद्र अस्पताल रेफर कर दिया गया था.
3 किसानों की आंखों की रोशनी गई
पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ बलबीर सिंह ने कहा कि, "कम से कम तीन किसानों की आंखें की रोशनी चली गई हैं. उनमें से एक जीएमसीएच 32, चंडीगढ़ में है और उनमें से दो को राजेन्द्र अस्पताल, पटियाला में भर्ती कराया गया है. हमने उनकी जांच कराई है और उनकी आंखें नहीं बचाई जा सकी. हरियाणा पुलिस ने न केवल वॉटर कैनन और आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किया, बल्कि गोलियों और पैलेट गन का भी इस्तेमाल किया है."
उन्होंने आगे कहा कि कम से कम एक दर्जन किसानों को पैलेट गन से चोटें आई हैं. बता दें कि डॉ बलबीर सिंह मंत्री बनने से पहले आंखों के सर्जन रह चुके हैं.
लगातार छोड़े जा रहे आंसू गैस के गोले
किसानों ने 16 फरवरी को भारत बंद का ऐलान किया है. अभी भी किसान बॉर्डर पर जमे हुए हैं. हरियाणा पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे हैं, ये तब हुआ जब वे अंबाला के पास शंभू बॉर्डर पर बैरिकेड्स की ओर बढ़ रहे थे.
पंजाब में किसान हरियाणा की दो बॉर्डर पर मौजूद हैं - शंभू और खनौरी. किसानों के प्रदर्शन के पहले दो दिन भी किसानों और हरियाणा पुलिस के जवानों के बीच झड़पें हुईं हैं.
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