संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) गुरुवार (14 मार्च) को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून सहित किसानों की मांगों को स्वीकार करने के लिए नई दिल्ली के रामलीला मैदान में 'किसान महापंचायत' (Kisan Mahapanchayat) आयोजित करेगा. किसानों ने अपनी मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने किए यह कदम उठाया है. किसानों महापंचायत को लेकर ट्रैफिक एडवाइजरी भी जारी की गई है.
आइए मामले से जुड़े बड़े अपडेट्स जानते हैं-
अब तक क्या-क्या हुआ?
एसकेएम ने 'किसान महापंचायत' की तैयारियों का जायजा लेने के लिए सोमवार (11 मार्च) बैठक की. बैठक के बाद एसकेएम नेता दर्शन पाल ने कहा कि पंजाब के किसान बड़ी संख्या में महापंचायत में भाग लेने के लिए इच्छुक हैं.
रामलीला मैदान में महापंचायत आयोजित करने की अनुमति प्राप्त करने के लिए एसकेएम की एक टीम दिल्ली पुलिस और प्रशासन के संपर्क में है. पाल ने आश्वासन दिया कि महापंचायत शांतिपूर्ण होगी.
BKU (एकता-दकौंदा) के धनेर गुट के अध्यक्ष मंजीत धनेर ने कहा कि तीनों क्षेत्रों के 13 जिलों के कार्यकर्ता दिल्ली पहुंचने के लिए ट्रेनों में सवार हुए, जहां वे विभिन्न गुरुद्वारों में रुकेंगे.
संयुक्त किसान मोर्चा, 37 कृषि संघों का एक समूह, जिसने 22 फरवरी को चंडीगढ़ में एक बैठक में 'महापंचायत' का आह्वान किया था, को 11 मार्च को दिल्ली पुलिस और नगर निगम से सभा के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र मिला.
देश के विभिन्न हिस्सों से किसान ट्रैक्टर ट्रॉलियों के बजाय बसों और ट्रेनों में दिल्ली जाएंगे, पाल ने कहा, “चुनाव है या नहीं, हमें इससे कोई लेना-देना नहीं है. हमारी मांगें पूरी होने तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा.”
एसकेएम ने कहा कि संबंधित समन्वय समितियों और उपसमितियों की 13 मार्च को बैठक हुई और सभी तैयारियों और व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया गया. महापंचायत में 50,000 से अधिक किसानों के शामिल होने की संभावना है.
एक बयान में कहा गया, "संयुक्त किसान मोर्चा भारत के किसानों, कृषि श्रमिकों और आम लोगों से आह्वान करता है कि वे केंद्रीय ट्रेड यूनियनों, अन्य ट्रेड यूनियनों, महिला संगठनों, छात्र संगठनों, युवा संगठनों और लोकतांत्रिक संगठनों के संयुक्त मंच जैसे एसकेएम के साथ समन्वय में बड़ी संख्या में भाग लें और इस ऐतिहासिक महापंचायत को सफल बनायें."
महापंचायत के कारण राजधानी की सड़कों पर जाम और भीड़भाड़ से बचने के लिए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की. इसमें कहा गया है कि सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे के बीच निम्नलिखित सड़कों पर यातायात नियंत्रित किया जाएगा - जवाहरलाल नेहरू मार्ग, बहादुर शाह जफर मार्ग, नेताजी सुभाष मार्ग, मिंटो रोड, आदि.
इसके अलावा, सुबह 6 बजे से कई सड़कों पर ट्रैफिक डायवर्जन रहेगा. इनमें दिल्ली गेट, मीर दर्द चौक, अजमेरी गेट चौक, गुरु नानक चौक, आर/कमला मार्केट, पहाड़गंज चौक और आर/ए झंडेवालान, बाराखंभा रोड से गुरु नानक चौक तक महाराजा रणजीत सिंह फ्लाईओवर आदि शामिल हैं.
पुलिस ने यात्रियों को उपरोक्त सड़कों से यात्रा की योजना बनाते समय "पर्याप्त" समय रखने की भी सलाह दी. इसमें यह भी कहा गया कि यात्रियों को सार्वजनिक परिवहन, खासकर दिल्ली मेट्रो का अधिकतम उपयोग करना चाहिए.
इसमें आगे कहा गया है कि हवाईअड्डे, रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड की ओर जाने वाले लोगों को "पर्याप्त समय के साथ सावधानी से अपनी यात्रा की योजना बनाने की सलाह दी जाती है".
एसकेएम नेता ने कहा, "किसान महापंचायत का उद्देश्य राजनीतिक दलों पर अपनी मांगों को चुनावी घोषणापत्र में शामिल करने के लिए दबाव डालना है."
प्रदर्शनकारी किसान अपनी मांगें स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए पंजाब और हरियाणा के दो सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले हुए हैं.
पिछले दौर की वार्ता के दौरान, जो 18 फरवरी की आधी रात को समाप्त हुई, तीन केंद्रीय मंत्रियों के पैनल ने केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से पांच साल के लिए किसानों से पांच फसलें - मूंग दाल, उड़द दाल, अरहर दाल, मक्का और कपास - एमएसपी पर खरीदने की पेशकश की. हालांकि, प्रदर्शनकारी किसानों ने मांग ठुकरा दी और अपने विरोध स्थलों पर लौट आए.
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