"शुभकरण मुझसे पांच कदम आगे चल रहा था, तभी पीछे से एक गोली उसके सिर में लगी."
किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर पुलिस कार्रवाई के दौरान मारे गए 21 वर्षीय शुभकरण सिंह (Shubhkaran Singh) के पिता चरणजीत सिंह ने 28 फरवरी को पुलिस शिकायत में यह दावा किया है.
पिता चरणजीत की शिकायत के आधार पर पंजाब के पटियाला के पाट्रान पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या) और 114 (उकसाने की सजा) के तहत एक FIR दर्ज की गई है.
चरणजीत सिंह ने FIR ने दावा किया है कि
"21 फरवरी को, सुबह लगभग 11 बजे, हममें से कई (प्रदर्शनकारी किसानों) ने दिल्ली की ओर मार्च करने के आह्वान का पालन करने के लिए बैरिकेड्स को पार करने की कोशिश की. लेकिन हरियाणा पुलिस ने धुएं के गोले और आंसू गैस के साथ सड़क को ब्लॉक कर दिया. किसान नेताओं के निर्देश पर , हम 100-150 मीटर पीछे चले गए और खेतों में खड़े हो गए. लेकिन पुलिस ने गोलियां चलानी शुरू कर दीं. फिर, हमने अपनी ट्रॉलियों की ओर वापस भागने की कोशिश की. उस समय शुभकरण मुझसे सिर्फ पांच कदम आगे था, तभी पीछे से एक गोली उसके सिर में लगी."
बठिंडा के बल्लो गांव के रहने वाले शुभकरण की मौत सिर के पिछले हिस्से में लगी चोट के कारण हुई थी. पटियाला के राजेंद्र अस्पताल के डॉक्टरों ने इसे "गोली" की चोट के समान बताया है.
शुभकरण न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानून गारंटी की मांग को लेकर हरियाणा-पंजाब खनौरी सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों में से एक था.
शुभकरण के पिता चरणजीत सिंह ने FIR में आगे आरोप लगाया कि गोली लगने के तुरंत बाद उनका बेटा जमीन पर गिर गया और उसे एम्बुलेंस में अस्पताल ले जाया गया.
चरणजीत के अनुसार, "लगभग एक घंटे बाद, गांव में हमारे परिवार को फोन कर बताया गया कि शुभकरण मर गया है."
FIR में देरी क्यों?
इस मामले के संबंध में एफआईआर दर्ज करने में देरी के लिए पंजाब पुलिस ने अधिकार क्षेत्र से संबंधित मुद्दों को जिम्मेदार ठहराया है.
एक तरफ शुभकरण का परिवार हरियाणा में एफआईआर दर्ज करने के खिलाफ था. लेकिन पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि जिस क्षेत्र में शुभकरण चोटिल हुआ था वह हरियाणा के जींद जिले के अधिकार क्षेत्र में आता है.
एफआईआर के मुताबिक, 21, 22 और फरवरी को, जींद के गढ़ी पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने राजेंद्र अस्पताल का दौरा किया, जहां शुभकरण का शव पोस्टमार्टम के लिए रखा गया था. हालांकि, परिवार ने हरियाणा पुलिस को मामले की जांच करने से मना कर दिया.
28 फरवरी को शुभकरण के पिता ने पाट्रान पुलिस स्टेशन में एक लिखित शिकायत दर्ज कराई, जहां आखिरकार एफआईआर दर्ज की गई.
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