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Farmers Protest: किसानों का 'रेल रोको' प्रदर्शन आज, अंबाला में धारा-144 लागू

Farmers Rail Roko Protest: सुरक्षा के मद्देनजर प्रसाशन ने रविवार को हरियाणा के अंबाला जिले में धारा 144 लागू कर दी है.

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Farmer Protest 2024 : 13 फरवरी से सरकार से अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के बॉर्डर पर डटे किसान रविवार, 10 फरवरी को रेल रोककर विरोध प्रदर्शन करेंगे. सरकार से कई दौर की हुई बातचीत के बावजूद भी किसानों को संतोषजनक परिणाम नहीं मिले. कृषि संगठनों संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने एमसपी (MSP) समेत अपनी मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए रविवार को 'रेल रोको' (Rail Roko) विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है. किसान दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे के बीच 'रेल रोको' प्रदर्शन में शामिल होंगे. वहीं सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन ने राज्य में धारा 144 लागू की है.

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किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंढेर (Sarwan Singh Pandher) ने प्रदर्शन का आह्वान करते हुए आमजन से आंदोलन के दौरान 4 घंटे तक यात्रा नहीं करने की अपील भी की है. उन्होनें कहा कि, "13 फरवरी को पंजाब-हरियाणा सीमा पर शुरू हुए आंदोलन के तहत हमने आज देशभर में 'रेल रोको' का आह्वान किया है. हम देश के सभी किसानों, मजदूरों और आम लोगों से आग्रह करते हैं कि वे बड़ी संख्या में आज 'रेल रोको' में हमारा समर्थन करें."

"हम उन लोगों से भी आग्रह करते हैं, जो आज दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे के बीच ट्रेन यात्रा करना चाहते हैं, वे आज 4 घंटे तक ऐसा न करें. आज लोगों को थोड़ी असुविधा का सामना करना पड़ सकता है. यह आंशिक 'रेल रोको' है"
- किसान नेता सरवन सिंह पंढेर

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल (Jagjit Singh Dallewal) ने कहा कि किसान अपना विरोध तबतक करते रहेंगे, जबतक सरकार उनकी मांगें नहीं मान लेती. डल्लेवाल ने शनिवार यानी 9 मार्च को केंद्र से सभी फसलों पर एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी देने की “अपनी जिम्मेदारी से नहीं भागने” का आग्रह किया.

डल्लेवाल ने कहा “सरकार को अपनी जिम्मेदारी से भागना नहीं चाहिए. देश के किसानों को बचाने के लिए एमएसपी पर कानून बनाना चाहिए.'' किसान नेता ने स्वामीनाथन आयोग द्वारा अनुशंसित "सी2 प्लस 50 प्रतिशत" फॉर्मूले के तहत किसानों को उनके अस्तित्व के लिए सभी फसलों पर एमएसपी दिया जाने की भी बात कही.

डल्लेवाल ने पंजाब की सभी पंचायतों से किसानों की मांगों के समर्थन में एक प्रस्ताव पारित करने का भी अपील की.

प्रदर्शन में कौन-कौन शामिल?

भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां), भारतीय किसान यूनियन बीकेयू डकौंदा (धनेर) और क्रांतिकारी किसान यूनियन समेत जो किसान संगठन संयुक्त किसान मोर्चा का हिस्सा हैं, वे भी 'रेल रोको' आंदोलन में भाग लेंगे. जबकि संयुक्त किसान मोर्चा “दिल्ली चलो” आह्वान का हिस्सा नहीं है.

विरोध की जानकारी देते हुए पंढेर ने कहा, "रेल रोको विरोध के दौरान सैकड़ों किसान फिरोजपुर, अमृतसर, रूपनगर, गुरदासपुर जिलों सहित पंजाब के कई स्थानों पर रेलवे पटरियों पर बैठेंगे." हालांकि, दिल्ली कूच के चलते पहले से ही जिले में धारा 144 लागू है.

प्रसाशन ने किए इंतजाम

'रेल रोको' विरोध प्रदर्शन से पहले सभी सीमाओं पर सुरक्षा भी कड़ी कर दी गई है. सुरक्षा के मद्देनजर प्रसाशन ने रविवार (10 मार्च) को हरियाणा के अंबाला जिले में धारा 144 लागू कर दी. राज्य में तनावग्रस्त इलाकों में पुलिस दल को तैनात किया गया है. विरोध प्रदर्शन से आज इंटरसिटी और एक राज्य से दूसरे राज्य जा रहे ट्रेनों के शेड्यूल में बदलाव देखने को मिल सकता है. पिछले महीने, किसानों के पटरियों पर धरना देने के कारण दिल्ली-अमृतसर मार्ग पर कई ट्रेनें देरी से चलीं.

क्या है किसानों की मांग ?

प्रदर्शनकारी किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी देने वाले कानून की मांग कर रहे हैं. साथ ही वह किसानों और कृषि श्रमिकों के लिए पेंशन और कृषि ऋणों की माफी के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा, किसान केंद्र से लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के पीड़ितों के लिए “न्याय” देने की मांग कर रहे हैं.

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