केंद्र सरकार ने आंदोलन कर रहे किसानों (Farmers) की सभी मांगों को पूरा करने के लिए लिखित तौर पर आश्वासन दिया है. केन्द्र सरकार द्वारा दिए गए लिखित प्रस्ताव में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी भी शामिल है.
बुधवार को किसान संगठनों की बैठक में सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा हुई, हालांकि फिलहाल कुछ मुद्दों पर गतिरोध के चलते आंदोलन के भविष्य को लेकर फैसला नहीं हो पाया.
अगर किसान संगठन सरकार का ऑफर स्वीकार कर लेते हैं तो देश में पिछले 15 महीनों से चल रहा किसान आंदोलन खत्म हो सकता है.
इन बातों पर बनी सहमति
केंद्र सरकार ने किसानों से कहा कि वह एमएसपी के मुद्दे पर फैसला करने के लिए एक समिति बनाई जाएगी, जिसमें सरकारी अधिकारी, कृषि विशेषज्ञ और संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधि शामिल होंगे.
यह भी कहा गया कि केंद्र सरकार किसानों के खिलाफ सभी पुलिस मामलों को रद्द करेगी.
किसानों ने मुआवजे की पेशकश करते हुए पंजाब सरकार द्वारा 5 लाख रूपए दिए जाने की बात भी याद दिलाई. इस पर सरकार ने कहा कि यूपी और हरियाणा सरकार ने इसी तरह के उपायों पर सहमति व्यक्त की थी.
किसानों ने बातचीत करने के लिए पांच सदस्यीय पैनल का गठन किया, जिसमें एमएसपी वैधता देवे और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस मामले वापस लेने की उनकी मांग शामिल थी.
पराली के मुद्दे पर सरकार के द्वारा पारित किए गए कानून में धारा 14 और 15 में आपराधिक जवाबदेही से किसानों को अलग कर दिया गया है.
इन मुद्दों पर अटकी बात
किसानों ने राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने की मांग की थी, जिनके बेटे आशीष को यूपी के लखीमपुर में चार किसानों के मामले में गिरफ्तार किया गया है. किसानों ने कहा कि यह मांग पूरी होने की संभावना नहीं है.
बिजली संशोधन बिल के मुद्दे पर अभी किसी प्रकार के हल निकल पाने जैसी बातचीत नहीं हुई है.
बुधवार को होगी किसानों की मीटिंग
केन्द्र सरकार की ओर से भेजे गए प्रस्ताव के बाद मंगलवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बैठक की, लेकिन सभी मुद्दों पर सहमति न बनने के कारण बुधवार, 8 दिसंबर को एक बार फिर से किसानों द्वारा बैठक आयोजित की जाएगी.
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने कहा है कि वो मांगों पर सहमत होगी और हमें आंदोलन खत्म कर देना चाहिए...लेकिन प्रस्ताव स्पष्ट नहीं है. हमें कुछ आशंकाएं हैं जिस पर कल दोपहर 2 बजे चर्चा होगी...हमारा आंदोलन कहीं नहीं जा रहा, यहीं रहेगा.
BKU नेता गुरनाम सिंह चड़ूणी ने कहा कि हम चाहते हैं कि जो 700 से अधिक किसान शहीद हुए हैं, उनके लिए केन्द्र सरकार द्वारा पंजाब मॉडल के मुताबिक 5 लाख रूपए का मुआवजा और नौकरी दी जाए.
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