दिल्ली में किसानों का आज बड़ा प्रदर्शन चल रहा है. कृषि कानूनों को लेकर पिछले कई हफ्तों से किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. दिल्ली -हरियाणा सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. किसानों के 'दिल्ली चलो' विरोध प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली-जम्मू हाइवे पर भारी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं और स्थिति पर नजर रखने के लिए पुलिस ड्रोन का भी इस्तेमाल कर रही है.
दिल्ली की ओर कूच कर रहे किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस अंबाला के पास शंभू बॉर्डर पर वॉटर कैनन का इस्तेमाल कर रही है.
बता दें कि मानसून सत्र में केंद्र सरकार ने कृषि बिलों को संसद में पेश किया था. जिसके बाद दोनों सदनों से ये बिल पास हुए और कानून बन गए. इसके बाद से ही देशभर में किसानों और विपक्षी दलों ने प्रदर्शन शुरू किए. सबसे ज्यादा असर पंजाब में देखने को मिला. जहां कांग्रेस सरकार ने इन कानूनों को रोकने के लिए एक प्रस्ताव भी पास कर दिया.
किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली मेट्रो ने अपनी टाइमिंग में बदलाव किए हैं. दोपहर 2 बजे तक दिल्ली से नोएडा, फरीदाबाद गाजियाबाद और गुरुग्राम तक मेट्रो सेवाए भी सस्पेंड हैं. डीएमआरसी के मुताबिक, गुरुवार को दोपहर 2 बजे तक दिल्ली मेट्रो की सभी लाइन पर कुछ चुनिंदा स्टेशनों के बीच की सर्विस नहीं मिलेगी. इससे दिल्ली बॉर्डर के इलाकों वाली मेट्रो भी प्रभावित रहेगीय दिल्ली पुलिस के अनुरोध पर किसान रैली और कोविड महामारी में भीड़ से बचने के लिए ये कदम उठाया जा रहा है.
किसान संगठनों ने संयुक्त किसान मोर्चा बनाया है, जिसे 500 से अधिक किसान संगठनों का समर्थन मिला हुआ है. वहीं दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं, जिस कारण आंदोलन करने की इजाजत नहीं दी गई है.
पंजाब के हजारों किसान 25 नवंबर के दिन सुबह से ही हरियाणा के साथ लगती अंतर्राज्यीय सीमाओं पर जुटने लगे. तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के जत्थे 'दिल्ली चलो' आंदोलन के लिए आगे बढ़ रहे थे इसके मद्देनजर हरियाणा ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की ओर उनके कूच को प्रतिबंधित कर दिया और उन पर वॉटर कैनन का भी इस्तेमाल किया गया. बीजेपी शासित पड़ोसी राज्य हरियाणा ने प्रदर्शनकारियों के जुटने से रोकने के लिए सीआरपीसी की धारा 144 लगा दी है.
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