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फारूक ने सरकार को दी चुनौती, PoK से पहले लाल चौक पर फहराएं तिरंगा

बीजेपी ने फारूक के बयान  की आलोचना की

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जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला विवादित बयान देने से बाज नहीं आ रहे हैं. पाक अधिकृत कश्मीर पर लगातार बयानबाजी कर रहे अब्दुल्ला ने अब केंद्र सरकार को चुनौती दी है. उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार पीओके में तिरंगा फहराने की बातें करने से पहले श्रीनगर के लाल चौक पर इसे फहराकर दिखाए.

कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद जीएल डोगरा की 30वीं पुण्यतिथि के मौके एक कार्यक्रम में फारूक ने ये टिप्पणी की.

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केंद्र और बीजेपी पीओके में झंडा फहराने की बातें कर रहे हैं. मैं उनसे कहता हूं कि वे पहले श्रीनगर के लाल चौक पर जाकर तिरंगा फहराएं. वे ऐसा कर नहीं सकते और पीओके की बातें करते हैं. 
फारूक अब्दुल्ला, अध्यक्ष, नेशनल कॉन्फ्रेंस 

बीजेपी ने की आलोचना

बीजेपी ने फारूक की टिप्पणी की आलोचना की है. पार्टी नेता और राज्य के उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस अलगाववादियों और आतंकवादियों को मजबूत कर रही है. उन्होंने कहा कि लाल चौक सहित राज्य के हर हिस्से में तिरंगा फहराया जा रहा है.

पीओके पर दिया था विवादित बयान

फारूक ने हाल में ये टिप्पणी भी की थी कि पीओके भारत का हिस्सा कभी नहीं बन सकता. अपनी इस टिप्पणी के बारे में अब्दुल्ला ने कहा कि उन्होंने सिर्फ तथ्य कहा और पीओके के बारे में जो कुछ कहा वो सच है.

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‘सच नहीं पसंद तो भुलावे में रहें’

अपनी टिप्पणी के बचाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने कहा, “अगर आप सच सुनना पसंद नहीं करते तो भुलावे में ही रहें. सच ये है कि पीओके हमारा हिस्सा नहीं है और जम्मू-कश्मीर पाकिस्तान का हिस्सा नहीं है. यही सच है.”

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ये पूछे जाने पर कि क्या वो ऐसी टिप्पणियां करके भारतीय संवेदनाएं आहत नहीं कर रहे, उन्होंने कहा:

भारतीय संवेदना क्या होती है? क्या आप ये सोच रहे हैं कि मैं भारतीय नहीं हूं? आप किनकी संवेदनाओं की बात कर रहे हैं? उन दुष्टों के बारे में जिन्हें हमारी तकलीफें नहीं दिखाई देतीं? जो सीमा पर रहने वाले लोगों की तकलीफें नहीं देखते कि जब गोले बरसने शुरू होते हैं तो उन्हें कैसी तकलीफ से गुजरना पड़ता है.  
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‘देश के लिए सम्मान सबसे अहम’

अपने तमाम विवादास्पद बयानों के बावजूद फारूक ने देश के लिए सम्मान को सबसे अहम बताया. उन्होंने उस घटना की निंदा की जिसमें कुछ दिन पहले राजौरी जिले में राष्ट्रगान के वक्त दो छात्र खड़े नहीं हुए.

फारूक ने कहा कि देश के लिए सम्मान महत्वपूर्ण है और राष्ट्रगान सबसे अधिक सम्माननीय है. उन्होंने कहा, “दोषियों के माफी मांगने तक सरकार को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए और उन्हें हलफनामा देना चाहिए कि वे ऐसा दोबारा नहीं करेंगे.”

(इनपुटः PTI से)

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