पिछले दिनों विदेशों से फंड प्राप्त करने वाले गैर-सरकारी संगठनों के लिए जरूरी FCRA लाइसेंस को रिन्यू करने से केन्द्र सरकार ने इनकार कर दिया था. इसी फैसले को चुनौती देते हुए अमेरिकी एनजीओ ग्लोबल पीस इनिशिएटिव ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर कोर्ट ने अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया है.
याचिका पर सुनवाई के दौरान एनजीओ ने कहा कि लाइसेंस रद्द करने से कोरोना संबंधित राहत प्रयासों पर असर पड़ सकता है क्योंकि देश में कोरोना तीसरी लहर में प्रवेश कर रही है. और एनजीओ ने अब तक लाखों भारतीयो की मदद की है.
बता दें कि, केन्द्र सरकार ने देश में स्थित 6 हजार एनजीओ के एफसीआरए (Foreign Contribution (Regulation) Act, 2010) लाइसेंस को रिन्यू करने से मना कर दिया था.
जस्टिस एएम खानविलकर, दिनेश माहेश्वरी और सीटी रविकुमार की बेंच ने केंद्र की इस दलील पर ध्यान दिया कि समय सीमा के भीतर लाइसेंस रिन्यूअल के लिए आवेदन करने वाले 11,594 एनजीओ को पहले ही विस्तार दिया जा चुका है. कोर्ट ने कहा कि एनजीओ द्वारा अधिकारियों को अभ्यावेदन दिया जा सकता है और वे इस पर फैसला ले सकते हैं.
सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने याचिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि रिन्यूअल के लिए आवेदन करने वाले हजारों NGOs को पहले ही एक्सटेंशन मिल चुका है.
उन्होंने आगे कहा कि जिन संगठनों ने रिन्यूअल के लिए आवेदन किया था, उन्हें पहले ही रिन्यू किया जा चुका है, मुझे नहीं पता इस याचिका को दायर करके किस बात की डिमांड की जा रही है लेकिन कुछ गड़बड़ है.
याचिका पर अगली सुनवाई कब होगी, इस बारे में अभी फैसला नहीं लिया गया है. कोर्ट ने कहा कि यह फॉरेन कॉन्ट्रिब्यूशन (रेगुलेशन) एक्ट संशोधन मामले में फैसले के ऐलान के बाद होगा.
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