माओवादियों द्वारा ड्रोन कब्जाने और उन्हें उड़ाने की घटना के हाल में सामने आने के बाद नक्सल प्रभावित राज्यों में तैनात सुरक्षा बलों को इन्हें देखते ही गोली मारने के आदेश जारी किये गए हैं. अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी.
यह नया निर्देश केंद्र में स्थित सुरक्षा एवं खुफिया एजेंसियों की केंद्रीय कमान द्वारा दिया गया है. हाल में छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में नक्सल हिंसा से सबसे बुरी तरह प्रभावित सुकमा जिले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल कैंप के ऊपर ड्रोन या मानव रहित यान (यूएवी) मंडराने के मामले सामने आने के बाद यह निर्देश दिया गया है.
तीन दिनों में कम से कम चार बार उड़े ड्रोन
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मौके पर तैनात बलों से साझा किए गए आधिकारिक संदेश के मुताबिक, “लाल और सफेद रोशनी देने वाले ड्रोन” पिछले महीने तीन दिनों में कम से कम चार बार किस्ताराम और पालोडी में सीआरपीएफ कैंप के पास उड़ते देखे गए. ड्रोन उड़ने से होने वाली हल्की आवाज ने कैंप में तैनात जवानों का ध्यान खींचा जिसके बाद जवानों ने मोर्चा संभाला और नक्सलियों द्वारा गड़बड़ी फैलाने की आशंका को देखते हुए आसपास के कैम्पों को सतर्क किया गया. सूत्रों ने कहा हालांकि सुरक्षा बल जब तक इन ड्रोनों पर निशाना साधकर उन्हें मार गिराते, ये छोटे मानवरहित यान आसमान में गायब हो गए.
इस घटनाक्रम के सामने आने के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने मामले की जांच शुरू की जिसके बाद खुफिया एजेंसियां मुंबई के एक दुकानदार के पास पहुंची जिसके बारे में शक है कि उसने अज्ञात लोगों को ड्रोन बेचे. ये लोग शायद नक्सली थे. सूत्रों ने कहा कि इस मामले में जांच जारी है.
खुफिया एजेंसियां खास तौर पर दो कैंपों को लेकर चिंतित हैं, जहां ड्रोन देखे गए. यह दोनों कैंप नक्सल प्रभाव वाले इलाके में हैं जहां समुचित सड़क संपर्क नहीं है और नियमित रूप से इसके आसपास हथियारबंद माओवादियों की आवाजाही देखी गई है. इस इलाके की सीमा ओडिशा, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के जंगल से सटे इलाकों से लगती है.
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सुरक्षा बलों की आशंका सही साबित हुई
इस गतिविधि से जुड़ी जानकारी रखने वाले एक शीर्ष सुरक्षा अधिकारी ने कहा, “यह घटनाक्रम गंभीर चिंता का विषय है. माओवादियों द्वारा ड्रोन रखना और उसका इस्तेमाल करना एक नयी चुनौती है और सुरक्षा बलों को लंबे समय से इसकी आशंका थी. यह अब सामने आया है.” उन्होंने कहा, “नक्सल प्रभावित सभी राज्यों में सुरक्षा बलों को नक्सलियों द्वारा उड़ाए जाने वाले ऐसे ड्रोनों या मानवरहित यान को देखते ही मार गिराने का आदेश दिया गया है.”
शुरुआती जांच में सामने आया कि जो ड्रोन देखे गए वो ऐसे थे जिनका इस्तेमाल शादी या सार्वजनिक सभाओं जैसे सामाजिक कार्यक्रमों में किया जाता है. एजेंसियों को शक है कि नक्सलियों ने हाल में ये छोटे ड्रोन हासिल किये हैं जिनका उद्देश्य सुरक्षा बलों के कैंपों से जुड़ी जानकारियां हासिल करना, उनकी गतिविधियों पर नजर रखना आदि है.
(इनपुट: भाषा)
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