भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन हो गया है. मुखर्जी की तबीयत पिछले कई दिनों से नाजुक बनी हुई थी और वो कोमा में चले गए थे. प्रणब मुखर्जी का 84 साल की उम्र में निधन हुआ है. उन्हें तबीयत बिगड़ने के बाद पिछले कई दिनों से सेना के आरआर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बताया गया था कि प्रणब मुखर्जी के फेफड़े में इंफेक्शन हुआ था, जिसके चलते वो कोमा में चले गए थे.
बता दें कि मुखर्जी के ब्रेन में खून के थक्के जमने के बाद उनका ऑपरेशन किया गया था. अस्पताल में भर्ती कराए जाने के वक्त वह COVID-19 से भी संक्रमित पाए गए थे. इसके बाद उन्हें श्वांस संबंधी संक्रमण हो गया था.
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की मौत की खबर उनके बेटे अभिजीत मुखर्जी ने ट्विटर पर दी.
कैसा था राजनीतिक सफर?
प्रणब मुखर्जी का राजनीतिक करियर 1969 में शुरू हुआ था, जब उन्होंने मिदनापुर में स्वतंत्र उम्मीदवार वीके कृष्णा मेनन के लिए कैंपेन में हिस्सा लिया. इंदिरा गांधी ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उन्हें कांग्रेस में ले आईं.
वो उसी साल राज्यसभा सांसद और 1973 में मंत्री बने. जब इंदिरा गांधी 1980 में सत्ता में लौटीं तो मुखर्जी राज्यसभा में सदन के नेता और 1982 में वित्त मंत्री बने. जब इंदिरा की हत्या की गई तो मुखर्जी को प्रधानमंत्री पद का दावेदार माना गया. लेकिन ये पद राजीव गांधी को मिला.
मुखर्जी 1986 में कांग्रेस से अलग हो गए और पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय समाजवादी कांग्रेस का गठन किया. वो 1989 में पार्टी में दोबारा शामिल हुए और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. इसके बाद प्रणब मुखर्जी साल 2012 से लेकर 2017 तक देश के राष्ट्रपति पद पर रहे.
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