Gaganyaan mission: ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर,अंगद प्रताप, अजीत कृष्णन और शुभांशु शुक्ला. यह नाम उन चार पायलट के हैं जो भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन- गगनयान में बतौर अंतरिक्षयात्री शामिल होंगे. भारत की स्पेस एजेंसी- ISRO 2025 में यह मिशन भेजेगी.
केरल के तिरुवनंतपुरम में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) का दौरा करते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मंगलवार, 27 फरवरी को इन चार अंतरिक्ष यात्रियों के नाम की घोषणा की. पीएम ने उन्हें एस्ट्रोनॉट विंग्स पहनाया.
रूस में ली है ट्रेनिंग
चारों भारतीय वायुसेना के टेस्ट पायलट हैं जिनकी रूस में ट्रेनिंग हो चुकी है. इसरो और ग्लावकोस्मोस (रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस की सहायक कंपनी) ने जून 2019 में चारों अंतरिक्ष यात्रियों की ट्रेनिंग के लिए एक कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किए थे. चारों अंतरिक्ष यात्रियों ने फरवरी 2020 से मार्च 2021 तक रूस के यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग ली है. फिलहाल वो बेंगलुरु के एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग फैसिलिटी में ट्रेनिंग ले रहे हैं.
क्या है गगनयान मिशन?
गगनयान पहला भारतीय अंतरिक्ष मिशन है जिसमें मानव उड़ान भरेंगे. इस तीन दिन के मिशन पर चालकों को गगनयान 400 किमी की कक्षा में ले जाएगा और भारतीय समुद्री जल में उतरकर उन्हें सुरक्षित पृथ्वी पर वापस लाएगा. गगनयान को 2025 में लांच किया जाएगा.
प्रसिद्ध भारतीय LVM3 रॉकेट, जिसका उपयोग चंद्रयान -3 मिशन लांच के लिए किया गया था, वह गगनयान मिशन के लिए भी लांच व्हीकल होगा. इसमें ठोस स्टेज, तरल स्टेज और क्रायोजेनिक स्टेज शामिल होंगे. विशेष रूप से गगनयान मिशन के लिए ताकि मानव जरूरतों को पूरा किया जा सके LVM3 लॉन्च व्हीकल में सभी प्रणालियों को फिर से कॉन्फ़िगर किया गया है. और उसे ह्यूमन रेटेड LVM3 का नया नाम दिया गया है. ISRO के अनुसार, HLVM3 ऑर्बिटल मॉड्यूल को 400 किमी की निचली पृथ्वी कक्षा में लॉन्च करने में सक्षम होगा.
मिशन के लिए 10,000 करोड़ रुपये की मंजूरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने गगनयान परियोजना के लिए 10,000 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं. पीएम ने मंगलवार को अपने संबोधन में कहा, "हम विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में एक और ऐतिहासिक यात्रा देख रहे हैं. भारत अपने चार गगनयान अंतरिक्ष यात्रियों से मिल रहा है. ये सिर्फ चार अंतरिक्ष के नाम नहीं हैं बल्कि ताकतें हैं जो 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं पर अमल करेंगी."
आज देश पहली बार अपने 4 गगनयान यात्रियों से परिचित हुआ है. ये सिर्फ 4 नाम या 4 इंसान नहीं हैं, ये 140 करोड़ की आकांक्षाओं को स्पेस में ले जाने वाली 4 शक्तियां हैं. 40 वर्ष के बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष में जाने वाला है. लेकिन इस बार टाइम भी हमारा है, काउंट डाउन भी हमारा है और रॉकेट भी हमारा है.पीएम मोदी
भारत स्पेस एजेंसी के लक्ष्य में 2024-2025 में गगनयान मिशन, 2035 तक 'भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन' की स्थापना और 2040 तक चंद्रमा पर पहले भारतीय को भेजना शामिल है.
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