राजस्थान की सबसे अहम सीटों में एक जोधपुर से सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को हरा कर संसद पहुंचे गजेंद्र सिंह शेखावत को कैबिनेट में शामिल किया गया है. वैभव गहलोत को शेखावत ने लगभग पौने तीन लाख वोटों से हराया. यह कम ही उम्मीद थी कि वैभव गहलोत को शेखावत हरा पाएंगे कि क्योंकि सीएम ने खुद यहां अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी.
सीएम गहलोत ने झोंक दी थी पूरी ताकत पिर भी जीते गजेंद्र
शेखावत ने कांग्रेस की सुरक्षित कही जाने वाली इस सीट को बीजेपी के पाले में कर लिया.1967 में पैदा हुए गजेंद्र सिंह शेखावत बीजेपी की प्रदेश कार्यकारिणी से सदस्य रहे हैं. उन्हें 2017 में मोदी सरकार में कृषि और किसान कल्याण राज्यमंत्री बनाया गया था. गजेंद्र सिंह ने जोधपुर की जेएनवी यूनिवर्सिटी से फिलोसॉफी में एमए करने के बाद फिलोसॉफी में ही एमफिल किया. छात्र जीवन से ही वह आरएसएस से जुड़े गए थे और 1992 में जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय के अध्यक्ष रहे थे.
वर्ष 2014 के गजेंद्र लोकसभा चुनाव में जोधपुर संसदीय सीट से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े. शेखावत ने कांग्रेस उम्मीदवार चन्द्रेश कुमारी को 4,01,051 मतों से करारी शिकस्त दी. इसके बाद मोदी टीम के साथ जुड़कर सक्रियता से काम किया और जोधपुर ही नहीं बल्कि पूरे मारवाड़ में बीजेपी का झंडा बुलंद किया.
जमीनी राजनीति पर गजेंद्र की जबरदस्त पकड़
गजेंद्र सिंह शेखावत के कद का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्हें राजस्थान बीजेपी का अध्यक्ष बनाया जाना था. उन्हें अशोक परनामी की जगह मिलनी थी. लेकिन पार्टी की अंदरूनी राजनीति के चलते काफी कशमकश के बाद मदनलाल सैनी को अध्यक्ष बनाया गया. शेखावत जमीनी कार्यकर्ता के तरह काम करते हैं. इसलिए उनका कार्यकर्ताओं से जुड़ाव काफी अच्छा है. यह उनकी ताकत है. इसीलिए इस बार सीएम अशोक गहलोत की ओर से पूरी ताकत झोंक दिए जाने के बावजूद गजेंद्र सिंह शेखावत को हराना कांग्रेस के लिए मुमकिन नहीं सका.
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