विराट जीत के बाद नरेंद्र मोदी के भव्य शपथ ग्रहण की तस्वीरें नई सरकार की कहानी कह रही हैं. सबसे पहले पीएम मोदी ने शपथ ली और उनके बाद राजनाथ सिंह. लेकिन दिलचस्प ये कि तीसरे नंबर पर बीजेपी के मौजूदा अध्यक्ष अमित शाह मंच पर पहुंचे और उनके बाद नितिन गडकरी.
हैसियत बताती कुर्सियां
रायसीना की पहाड़ियों पर बने राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में हजारों लोगों का जमावड़ा मोदी सरकार के जश्न की कहानी कह रहा था. मुकेश अंबानी सरीखे कारोबारियों के चेहरे पर बधाई के साथ मुस्कान खिली थी तो राहुल-सोनिया सरीखे विपक्षियों के चेहरे मायूसी के बीच मुस्कुराने की कोशिश कर रहे थे.
मंच के दायीं तरफ लगी नए मंत्रियों की कुर्सियां कुछ और ही चुगली कर रही थीं. सबसे पहले पीएम नरेंद्र मोदी, उनके बगल में राजनाथ सिंह, उनके बगल में बीजेपी की जीत के हीरो अमित शाह और उनके बाद नितिन गडकरी.
अगर कुर्सियों के क्रम को हैसियत का पैमाना माना जाए तो साफ है कि राजनाथ सिंह ने अपनी नंबर दो की पोजिशन बरकरार रखी है. वो पिछली सरकार में भी मंत्री नंबर दो ही थे. औपचारिक तौर पर नंबर दो के मंत्री का मतलब होता है कि प्रधानमंत्री की गैरमौजूदगी में अगर कोई इमरजेंसी हो जाए तो वो कैबिनेट की बैठक की अध्यक्षता कर सके या सरकार के दूसके जरूरी फैसले ले सके. तो साहब, राजनाथ सिंह ने अपनी पोजिशन बरकरार रखी है.
शाह का बढ़ा कद
लेकिन राजनाथ सिंह के बाद शाह की कुर्सी ये कह रही थी कि अगली सरकार में अमित शाह की हैसियत नितिन गडकरी से ज्यादा होने वाली है. पिछले पांच साल से शाह का जलवा देख रहा कोई शख्स ये पूछ सकता है कि इसमें हैरानी की क्या बात है?
नितिन गडकरी संगठन में भी शाह से सीनियर हैं और सरकार में भी. शाह 2014 में बीजेपी अध्यक्ष बने थे, लेकिन गडकरी 2009 में ही वो जिम्मेदारी निभा चुके थे. शाह पहली बार सरकार में शामिल हो रहे हैं, लेकिन गडकरी पिछली सरकार में कई अहम मंत्रालयों को कामयाबी के साथ संभाल चुके हैं.
अगर 2014 के शपथ ग्रहण को याद करें तो पीएम मोदी के बाद राजनाथ सिंह ने शपथ ली थी. उनके बाद सुषमा स्वराज और उनके बाद अरुण जेटली ने. इस बार सुषमा और जेटली दोनों ही कैबिनेट में नहीं हैं, लेकिन नंबर तीन और चार की शपथ अमित शाह के बढ़ते कद की कहानी कह रही है.
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