नागरिकता कानून को लेकर सना गांगुली के तीखे हमले के बाद सौरभ गांगुली बोले, प्लीज मेरी बेटी को इन सब से दूर रखें. ये पोस्ट सही नहीं है . वह अभी छोटी है. राजनीति की समझ उसे नहीं है.
दरअसल जामिया पर हुई पुलिस कारवाई के विरोध में सना ने एक इंस्ट्राग्राम स्टोरी शेयर की,जिसमें उन्होंने खुशवंत सिंह की किताब 'द एंड ऑफ इंडिया' के एक अंश का जिक्र किया.
सना गांगुली ने पोस्ट में लिखा -
‘हर फासीवादी शासन को आगे बढ़ने के लिए ऐसे समुदायों की जरूरत होती है, जो नफरत फैला सके. इसकी शुरुआत एक समूह या दो से होती है, लेकिन यह कभी खत्म नहीं होता है. नफरत पर बना एक आंदोलन खुद को लगातार बनाए रखने के लिए केवल डर ही पैदा करता है. आज हममें से जो लोग सुरक्षित महसूस कर रहे हैं, वो इसलिए क्योंकि हम किसी मूर्ख के स्वर्ग में रहने वाले मुसलमान या ईसाई नहीं हैं. संघ के निशाने पर पहले से ही इतिहासकार और लेफ्ट विचारधारा वाले युवा रहे हैं.’
‘कल ये लोग स्कर्ट पहनने वाली महिलाओं से नफरत करेंगे. जो मांस खाते हैं, शराब पीते हैं, विदेशी फिल्मों देखते हैं, मंदिर-तीर्थस्थानों पर नहीं जाते, दंत मंजन के बजाय टूथपेस्ट का स्तेमाल करते हैं, वैद्य के बजाय एलोपैथिक डॉक्टर के पास जाते हैं, जय श्रीराम बोलने के बजाय किस कर या हाथ मिलाकर बात करते हैं, उन सभी से नफरत करेंगे. कोई सेफ नहीं है. अगर हम भारत को बचाए रखने की उम्मीद करते हैं तो हमें ये मालूम होना चाहिए.’
नागरिकता कानून के खिलाफ देश के कई कोनों से विरोध की आवाजें आ रही हैं. दिल्ली, अलीगढ़, मुंबई, लखनऊ, बनारस समेत कई शहरों में प्रदर्शन किया जा रहा है. दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में छात्रों और पुलिस की हिंसक झड़प के बाद देशभर के छात्रों ने जामिया स्टूडेंट्स को अपना समर्थन दिया है. वहीं, अमेरिका की 19 प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी ने भी छात्रों को सपोर्ट किया है.
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