इन दिनों खबरों में छाए शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान (Aryan Khan) को ड्रग्स केस में गिरफ्तार किया गया है. उनके ऊपर नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 यानि NDPS एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. रिया चक्रवर्ती पर भी ड्रग्स लेने और दिलवाने के आरोप है. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने एनडीपीएस एक्ट के तहत एफआईआर भी दर्ज कर ली है, कमेडियन भारती सिंह भी इस मामले में फंस चुकी है.
इन सब मामलों के बाद से एनडीपीएस एक्ट सुर्खियों में. ये एक्ट क्या है? कितनी मात्रा में ड्रग्ज रखने से कितनी सजा होती है? जानिए सबकुछ.
NDPS एक्ट क्या है?
नशीले पदार्थों के उपभोग, बेचने, बनाने को लेकर एक कानून है. जिसका फुल फॉर्म नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985.
यह कानून किसी एक व्यक्ति को मादक दवाओं के बनाने, उत्पादन, खेती, स्वामित्व, खरीद, भंडारण, परिवहन या उपभोग करने के लिए प्रतिबंधित करता है.
कैनेबिस को NDPS एक्ट में कैसे परिभाषित किया गया है?
कैनेबिस जिसे गांजा भी कह सकते हैं. भारत में 1985 से पहले इसके सेवन पर कोई बैन नहीं था. लेकिन राजीव गांधी की सरकार में इस पर कानून बना और गांजे पर बैन लग गया.
इसका साइंटिफिक नाम है कैनेबिस (Cannabis). यह एक पौधा होता है. इस पर बैन होने के बावजूद भारत में इसका सेवन बड़े स्तर पर होता है.
एनडीपीएस एक्ट के तहत 'चरस' कैनेबिस के पौधे से निकले रेजिन (Resin) से तैयार होता है. पेड़-पौधों से जो चिपचिपा तरल निकलता है वो रेजिन कहलाता है. हिंदी में इसे राल कहते हैं. चरस को ही हशीश या हैश भी कहते हैं.
'गांजे' के कैनेबिस के फूलों से तैयार किया जाता है.
NDPS एक्ट के तहत क्या गैरकानूनी नहीं है?
भारत में औद्योगिक (Industrial) उद्देश्यों या बागवानी (Horticulture) के लिए कैनेबिस की खेती कानूनी है.
मेडिकल या वैज्ञानिक उद्देश्यों के लिए सरकार की अनुमति के साथ उत्पादन, निर्माण, भंडारण किया जा सकता है.
यह एक्ट विशेष रूप से कैनेबिस के रेजिन और फूलों की बिक्री और उत्पादन को प्रतिबंधित करता है, जबकि बीज और पत्तियों के उपयोग की अनुमति है.
क्या होगा अगर कोई गैर-कानूनी रूप से कैनेबिस के पौधों की खेती करता है?
कैनेबिस पौधे की खेती करते पाए जाने पर 10 साल तक की जेल और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है.
क्या होगा अगर कोई कैनेबिस के साथ पकड़ा जाए?
अगर कोई कम मात्रा में कैनेबिस के साथ पकड़ा जाए तो इसमें एक साल की सजा या 10 हजार रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. ये दोनों एक साथ भी हो सकता है. इसमें जमानत मिल जाती है. लेकिन बार-बार पकड़े जाने पर जमानत मिलना मुश्किल हो जाता है.
कम मात्रा और वाणिज्यिक मात्रा (Commercial Quantity) के बीच की मात्रा होने पर 10 साल तक की सजा और एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. या दोनों हो सकते हैं. ऐसे मामलों में जमानत मिलना या न मिलना पकड़े गए नशीले पदार्थ और पुलिस की धाराओं पर निर्भर करता है.
वाणिज्यिक मात्रा (Commercil Quantity), इसमें 10-20 साल तक की सजा हो सकती है. और एक से दो लाख रुपये तक जुर्माना लग सकता है. इसमें जमानत नहीं मिलती.
चरस/हशीस की कम मात्रा- 100 ग्राम, गांजा- 1 किलो, कोकेन- 2 ग्राम, हेरोइन- 5 ग्राम
चरस/हशीश की वाणिज्यिक मात्रा- 1 किलो, गांजा- 20 किलो, कोकेन- 100 ग्राम, हेरोइन- 250 ग्राम
क्या कैनेबिस पर राज्य अपना कानून बना सकते हैं?
हां, एनडीपीएस एक्ट की धारा 10, राज्यों को किसी भी कैनेबिस के पौधे की खेती, उत्पादन, निर्माण, भंडारण, परिवहन, एक राज्य से दूसरे और दूसरे राज्य से खुद के राज्य में आयात-निर्यात, बिक्री, खरीद खपत या भांग के उपयोग (चरस को छोड़कर) की अनुमति है.
भांग गैरकानूनी है?
राज्यों के पास भांग के उपयोग को रेग्युलेट करने और अनुमति देने की शक्ति होने की वजह से उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे कुछ राज्यों में सरकारी दुकानों द्वारा बेचा जाता है.
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