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Nupur Sharma को लेकर विवादित बयान देने के मामले में गौहर चिश्ती गिरफ्तार

Muhammad Remark Row: गौहर चिश्ती पर अजमेर दरगाह के बाहर भड़काऊ भाषण देने का आरोप है.

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भारत
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राजस्थान के अजमेर दरगाह (Ajmer Dargah) के बाहर भीड़ में भड़काऊ भाषण के मामले में फरार आरोपी गौहर चिश्ती (gauhar Chishti) को पुलिस ने गुरुवार को हैदराबाद से गिरफ्तार कर लिया है, जिसे देर रात तक अजमेर लाया जाएगा. गौहर पर मौन जुलूस के दौरान हिंसा भड़काने के नारे लगाने का आरोप है. गौहर की उदयुपर में हुए कन्हैयालाल के तालिबानी हत्याकांड मामले में भूमिका संदिग्ध है. इस एंगल पर भी पुलिस जांच करेगी. वीडियो के आधार पर पुलिस ने चार आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था. इनमें ताजिम सिद्धिकी, फखर जमाली, रियाज हसन दल और मोईन खान शामिल हैं. चारों आरोपी फिलहाल हाई सिक्योरिटी जेल में बंद हैं.

एडिशनल एसपी अजमेर विकास सांगवान ने बताया कि गौहर पर दरगाह के बाहर आपत्तिजनक नारे लगाने का आरोप है. उसे हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया है. वह इस मामले की पुलिस में 17 जून को दर्ज की गई रिपोर्ट के बाद से फरार चल रहा था. गौहर पर नूपुर शर्मा को लेकर विवादित बयान देने का भी आरोप है.
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उदयपुर हत्याकांड से भी जुड़े हैं तार

उदयपुर में हुए कन्हैयालाल के हत्याकांड के तार भी अजमेर से जुडे़ हैं. एनआईए इस एंगल से भी जांच कर रही है. आरोप है कि दरगाह के भड़काऊ नारे लगाने वाले गौहर चिश्ती की जान पहचान कन्हैया के हत्यारों रियाज और गौस से थी. तीनों की बीच बातचीत होती थी. गौहर इनसे मिलने उदयपुर भी गया था. जिसके 10 दिन बाद ही कन्हैयालाल की निर्मम हत्या कर दी गई.

सूत्रों की मानें तो दोनों हत्यारे राजसमंद के रास्ते अजमेर आने वाले थे. जहां दोनों की मुलाकात गौहर चिश्ती से होनी थी, लेकिन पुलिस ने पहले ही दबोच लिया. पिछले लंबे समय से कन्हैयालाल के हत्यारों की मुलाकात अजमेर के गौहर से थी. हत्यारों के अजमेर कनेक्शन को लेकर अजमेर पुलिस के साथ ही सुरक्षा एजेंसियां जांच में जुटी हैं.

गौहर को लेकर अजमेर के दरगाह थाने में कॉन्स्टेबल जयनारायण जाट ने रिपोर्ट दी थी. रिपोर्ट में चूनाराम ने बताया था कि 17 जून को दोपहर 3 बजे उसकी ड्यूटी निजाम गेट पर थी. इसी दौरान कुछ खादिमों द्वारा गेट पर पूर्व से निर्धारित मौन जुलूस की शर्तों का उल्लंघन करते हुए वहां भाषण दिया गया. इसके लिए रिक्शे पर लाउडस्पीकर लगाया. कॉन्स्टेबल ने रिपोर्ट में बताया कि इस दौरान 2500-3000 लोगों की भीड़ दरगाह के सामने थी. जबकि गौहर चिश्ती को पूर्व में समझाइश भी की गई थी. लेकिन बावजूद इसके भड़काऊ भाषण के साथ नारेबाजी की गई, ऐसे में धार्मिक स्थल से हिंसा के लिए भीड़ को उकसाने और हत्या का आह्वान करने पर मामला दर्ज किया गया था.

इनपुट—पंकज सोनी

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