कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) का नाम पद्म भूषण पुरस्कार से नवाजे जाने वालों की सूची में आने के बाद कांग्रेस पार्टी के नेताओं की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं.
पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेब भट्टाचार्जी द्वारा पुरस्कार लेने से इनकार करने और गुसाम नबी आजाद को मिलने वाले पुरस्कार की तुलना करते हुए, कांग्रेस के नेता जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने ट्वीट कर कहा, “यह सही है. वह गुलाम नहीं आजाद बनना चाहते हैं."
इससे पहले जयराम रमेश ने अपने इस ट्वीट से पहले लिखा कि, "जनवरी 1973 में हमारे देश के सबसे शक्तिशाली सिविल सेवक को पीएमओ छोड़ने पर पद्म विभूषण की पेशकश की जा रही थी. इस पर पीएन हक्सर की प्रतिक्रिया यहां दी गई है. यह क्लासिक है."
वहीं कई अन्य कांग्रेसी नेताओं ने आजाद को बधाई दी. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने लिखा, "गुलाम नबी आजाद को मिला पद्म भूषण, बधाई हो भाईजान, विडंबना यह है कि जब देश सार्वजनिक जीवन में उनके योगदान को मान्यता देता है तो कांग्रेस को उनकी सेवाओं की आवश्यकता नहीं है."
कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने उन्हें बधाई देते हुए लिखा, "श्री गुलाम नबी आजाद को उनके पद्म भूषण पर हार्दिक बधाई. किसी की सार्वजनिक सेवा के लिए दूसरे पक्ष की सरकार द्वारा भी पहचाना जाना अच्छा है.”
इनके अलावा राज बब्बर और आनंद शर्मा समेत कई नेताओं ने उन्हें ट्वीट कर बधाइयां दीं.
इस बीच गुलाम नबी आजाद ने 25 जनवरी को पद्म भूषण से सम्मानित किए जाने के बाद अपने ट्विटर बायो में बदलाव की अफवाहों को खारिज करते हुए इसे शरारती प्रोपोगेंडा बताया.
उन्होंने ट्विटर पर कहा, "कुछ लोगों द्वारा भ्रम पैदा करने के लिए कुछ शरारती तत्वों द्वारा किया जा रहा है. मेरे ट्विटर प्रोफाइल से कुछ भी नहीं हटाया या जोड़ा गया है. प्रोफाइल पहले की तरह ही है."
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