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'ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस' का क्या है उद्देश्य? भारत के लिए क्यों अहम?| G20 Summit

Global Biofuel Alliance: भारत, दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक और उपभोक्ता है.

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G20 Summit: भारत ने स्वच्छ ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए शनिवार (9 सितंबर) को नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन में 'ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस' शुरू करने की घोषणा की. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिखर सम्मेलन में 'ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस' को लेकर जी20 देशों के सामने अपने कुछ सुझाव रखे और कहा, "हम ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस शुरू कर रहे हैं. भारत आप सभी को इस पहल में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता है."

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'समय की मांग है कि सभी देश फ्यूल ब्लेंडिंग के क्षेत्र में साथ मिलकर काम करें. हमारा प्रस्ताव है कि पेट्रोल में इथेनॉल ब्लेंडिंग को ग्लोबल स्तर पर 20 परसेंट तक ले जाने के लिए इनिशिएटिव लिया जाए. या फिर, ग्लोबल गुड के लिए हम कोई और ब्लेंडिंग मिक्स निकालने पर काम करें, जिससे एनर्जी सप्लाई बनी रहे और जलवायु भी सुरक्षित रहे. इस संदर्भ में, हम 'ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस' लॉन्च कर रहे हैं. भारत आप सबको इससे जुड़ने के लिए आमंत्रित करता है.
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री, भारत

इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति अल्बर्टो फर्नांडीज और इटली के प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी की उपस्थिति में 'ग्लोबल बायोफ्यूल्स एलायंस' का शुभारंभ किया.

क्या है बायोफ्यूल?

बायोफ्यूल का मतलब पेड़-पौधों, अनाज, शैवाल, भूसी और फूड वेस्ट से बनने वाला ईंधन है. बायोफ्यूल्स को कई तरह के बायोमास से निकाला जाता है. इसमें कार्बन की कम मात्रा होती है. अगर इसका इस्तेमाल बढ़ेगा तो दुनिया में पारंपरिक ईंधन पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता कम होगी और पर्यावरण प्रदूषण भी कम होगा.

क्या है 'ग्लोबल बायोफ्यूल्स अलायंस'का उद्देशय?

ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस बनाने का उद्देश्य टिकाऊ बायोफ्यूल का इस्तेमाल बढ़ाना है. साथ ही इसका मकसद बायोफ्यूल मार्केट को मजबूत करना, ग्लोबल बायोफ्यूल कारोबार को सुविधाजनक बनाना, तकनीकी सहायता प्रदान करने पर जोर देना है.

रॉयटर्स के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी ने जुलाई की एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि दुनिया की ऊर्जा प्रणाली को 2050 तक नेट जीरो एमिशन की दिशा में लाने के लिए वैश्विक टिकाऊ बायोफ्यूल्स उत्पादन को 2030 तक तीन गुना करने की आवश्यकता होगी.

भारत के लिए क्यों अहम है 'ग्लोबल बायोफ्यूल्स अलायंस'?

भारत, दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक और उपभोक्ता है, अपनी कच्चे तेल की जरूरतों का लगभग 85% आयात करता है और धीरे-धीरे बायोफ्यूल्स के उत्पादन को बढ़ाने के लिए क्षमता का निर्माण कर रहा है.

भारत 2070 तक कार्बन तटस्थ बनने का लक्ष्य बना रहा है और अपने परिवहन क्षेत्र में बायोफ्यूल्स के उपयोग का विस्तार कर रहा है. इसने गैसोलीन में राष्ट्रव्यापी इथेनॉल मिश्रण को दोगुना करके 20% करने की समय सीमा 5 साल बढ़ाकर 2025 कर दी है.

पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने जुलाई में कहा कि गठबंधन वैश्विक जैव ईंधन व्यापार को प्रोत्साहित करने, सबक साझा करने पर ठोस नीतियां विकसित करने और दुनिया भर में राष्ट्रीय जैव ईंधन कार्यक्रमों के लिए तकनीकी सहायता के प्रावधान को बढ़ावा देने में मदद करेगा.

ब्राजील, भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका प्रमुख 'ग्लोबल बायोफ्यूल्स उत्पादक और उपभोक्ता हैं. इस अलायंस का उद्देश्य परिवहन क्षेत्र सहित सहयोग को सुविधाजनक बनाना और टिकाऊ बायोफ्यूल्स के उपयोग को तेज करना होगा.

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