क्विंट हिंदी और गूगल के खास कार्यक्रम में क्विंटिलियन मीडिया के फाउंडर राघव बहल और गूगल के वाइस प्रेसिडेंट, राजन आनंदन के बीच कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. इस मौके पर राजन आनंद ने कहा कि यू ट्यूब में अच्छा कंटेंट बन रहा है. हिंदी और भारतीय भाषाओं में ग्रोथ की सबसे ज्यादा गुंजाइश वीडियो में हैं. यू ट्यूब में 95 परसेंट वीडियो भारतीय भाषाओं के हैं.
क्विंटिलियन मीडिया के फाउंडर राघव बहल और गूगल के वाइस प्रेसिडेंट, राजन आनंदन के बीच बातचीत के कुछ अंश-
पैसा कैसे बनेगा इससे ज्यादा जरूरी है, ग्रोथ कैसे बढ़ेगी. वीडियो से सबसे ज्यादा ग्रोथ आएगी, तस्वीरों की भाषा नहीं होती लोग सुनने में समझ जाते हैं, लिखने को समझना कुछ कठिन होता है. भारतीय भाषाओं के ग्रोथ की सबसे ज्यादा संभावनाएं वीडियो में ही हैं. जैसे ही पैसा बनने की गुंजाइश बनेगी, तो इसमें पैसा आने लगेगा और लोग भी आएंगे.
तमिल, तेलुगू, कन्नड़, बंगाली जैसी भाषाओं में टेलीविजन मार्केट अपने दम पर चल रहे हैं. सरकार जितनी ज्यादा दूर रहेगी उतना बेहतर रहेगा. सरकार की मदद कम से कम हो, 95 परसेंट विज्ञापन की आय गूगल और फेसबुक के हिस्से में जा रही है.
पब्लिशर के हाथ में ज्यादा ताकत कैसे आएगी ये ज्यादा अहम है, कमाई का सही बंटवारा जरूरी है कैसे होगा. अच्छे कंटेंट के लिए अमेरिका में भी अच्छे पैसे मिलने लगेंगे. डिजिटल प्लेटफॉर्म में अच्छी कमाई होगी इसकी गारंटी है, इसमें ज्यादा वक्त नहीं लगेगा. डिजिटल प्लेटफॉर्म की लागत, टेलीविजन के मुकाबले बहुत कम है. टेलीविजन में डिस्ट्रिब्यूशन लागत बहुत ज्यादा है, डिजिटल में गूगल और फेसबुक के इस्तेमाल से पूरी दुनिया तक पहुंचना आसान है.
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गूगल के वाइस प्रेसिडेंट, राजन आनंदन ने क्या कहा-
यू ट्यूब में अच्छा कंटेंट बन रहा है. हिंदी और भारतीय भाषाओं में ग्रोथ की सबसे ज्यादा गुंजाइश वीडियो में है. भारतीय भाषाओं में ग्रोथ आसान नहीं है, पर बहुत बड़े मौके हैं. NCR अगले दस साल में 1 लाख करोड़ का मार्केट बन जाएगा. एक-एक भाषा को लेकर मार्केट तैयार करना होगा, धीरे धीरे बड़ा मार्केट बन जाएगा. हमारा मानना है भारत दुनिया का सबसे बड़ा वॉयस टैप इंटरनेट बनेगा. पढ़ने की बजाय लोग सुनना पसंद करेंगे.
यू ट्यूब में 95 परसेंट वीडियो भारतीय भाषाओं के हैं. गूगल जल्द ही ऐसा फीचर लाने जा रहा है, जिसमें लोग बोलकर सर्च करेंगे और उन्हें जवाब भी ऑडियो यानी बोलकर ही मिलेगा, लिखने और पढ़ने का झंझट खत्म हो जाएगा. 2020 में भारतीय भाषाओं में ऑनलाइन एडवरटिजमेंट मार्केट 6000 करोड़ रुपए का हो जाएगा.
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