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गोरखपुर हत्याकांड:इंस्पेक्टर जेएन सिंह की हिस्ट्रीशीट,पहले भी लगे हत्या के आरोप

सिपाही से आउट आफ टर्न प्रमोशन पाकर इंस्पेक्टर की कुर्सी तक कैसे पहुंचे जगत नारायण सिंह?

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भारत
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उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की हत्या के मामले में 6 पुलिसवालों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है. इस मामले में रामगढ़ताल थाने के इंस्‍पेक्‍टर जेएन सिंह का नाम भी शामिल है. इंस्पेक्टर जेएन सिंह पर मनीष गुप्ता की पीटकर मार डालने का आरोप है. लेकिन जेएन सिंह पर ऐसे आरोप पहली बार नहीं लगे हैं.

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सिपाही से आउट आफ टर्न प्रमोशन पाकर इंस्पेक्टर की कुर्सी तक पहुंचने वाले इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह पर पहले भी हत्या के आरोप लग चुके हैं. आइए आपको एक-एक कर उन आरोपों के बारे में बताते हैं.

केस नंबर 1

इसी साल 13 अगस्त को रामगढ़ताल पुलिस पर 20 साल के गौतम सिंह की पुलिस कस्टडी में संदिग्ध मौत के आरोप लगे थे. जब मामला तूल पकड़ा तब जाकर बाद में पुलिस ने केस दर्ज किया. हालांकि इस मामले में पुलिस ने ये बताने की कोशिश की कि गायघाट बुजुर्ग में प्रेमिका से मिलने गए युवक की लड़की के परिवार वालों ने पीटकर हत्या कर दी, जबकि परिजनों का आरोप था कि युवक की मौत पुलिस की पिटाई से हुई है.

केस नंबर 2

आरोपी जेएन सिंह के बांसगांव इंस्पेक्टर रहने के दौरान 7 नवंबर, 2020 को भी उन पर गंभीर आरोप लगे थे. बांसगांव थाने में विशुनपुर निवासी मुन्ना प्रसाद के बेटे शुभम उर्फ सोनू कुमार के खिलाफ हत्या के प्रयास का केस दर्ज था. पुलिस ने उसे 11 अक्तूबर, 2020 को डिघवा तिराहे से गिरफ्तार कर जेल भिजवा दिया. 7 नवंबर को जेल में उसकी मौत हो गई. इस मामले में फिर पुलिस पर आरोप लगा कि शुभम की मौत पिटाई से हुई है. तत्कालीन चौकी इंचार्ज को सस्पेंड किया गया था. लेकिन जगत नारायण पर कोई कार्यवाही नहीं हुई.

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केस नंबर 3

अब एक बार फिर कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की हत्या का तीसरा आरोप इंस्पेक्टर जेएन सिंह पर लगा है. लेकिन व्यापारी की हत्या वाला यह केस इंस्पेक्टर जेएन सिंह समेत बाकी लोगों पर उल्टा पड़ गया है.

बता दें कि जेएन सिंह का एनकाउंटर से भी नाता रहा है. गोरखपुर जिले में अपने कार्यकाल के दौरान अब तक उन्होंने चार बदमाशों के पैर में गोली मारी है. पुलिस विभाग के जुड़े जानकारों के मुताबिक इंस्पेक्टर जगत नारायन सिंह इसी तरह के एनकाउंटर की बदौलत ही सिपाही से आउट आफ टर्न प्रमोशन पाकर इंस्पेक्टर की कुर्सी तक पहुंचे हैं. एसटीएफ में रहने के दौरान भी उन्होंने करीब 9 बदमाशों को मुठभेड़ में मार गिराया था.

सूत्रों ने बताया कि जेएन सिंह का अपने महकमे में बड़े अधिकारियों के साथ काफी अच्छी सेटिंग थी. तभी तो आज तक उस पर लगे लोगों की हत्या जैसे आरोप में कभी कुछ नहीं हुआ.

चेकिंग के नाम पर होटलों में वसूली का आरोप

आरोप है कि इंस्पेक्टर जेएन सिंह गोरखपुर में होटल में बाहर से आने वाले ठहरने वाले लोगों से चेकिंग के नाम पर उनके कमरों की तलाशी किया करता था. फिर उन पर उल्टे सीधे आरोप लगाकर उनसे अवैध वसूली किया करता था. इस इंस्पेक्टर को जानने वाले लोग बताते हैं कि मनीष गुप्ता हत्याकांड के पीछे भी यही बात हो सकती है. मनीष के दोस्तों ने यही आरोप लगाए हैं.

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