ADVERTISEMENTREMOVE AD

गोरखपुर हत्याकांड: मृतक की पत्नी का बड़ा आरोप- पुलिस ने FIR से जबरन हटवाए 3 नाम

UP पुलिस ने कारोबारी मनीष गुप्ता की मौत पर अजब तर्क दिए थे.

Updated
छोटा
मध्यम
बड़ा

गोरखपुर में कानपुर के रहने वाले कारोबारी मनीष गुप्ता की संदिग्ध मौत के मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस सवालों के घेरे में है. एक के बाद एक पुलिस के अजब कारनामे सामने आ रहे हैं. मृतक मनीष गुप्ता की पत्नी ने आरोप लगाए हैं कि एफआईआर के लिए उन लोगों ने छह पुलिस वालों के खिलाफ शिकायत की थी, लेकिन पुलिस अधिकारियों ने जबरन तीन नाम हटवा दिए.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

मनीष गुप्ता की पत्नी ने कहा है कि गोरखपुर में दो अधिकारियों ने शिकायत की चिट्ठी में से तीन नाम एडिट करके एफआईआर लिखवाई है. वह अपनी पुलिस को बचाने के लिए हमपर दबाव बनाते रहें.

बता दें कि इससे पहले एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें पुलिस अधिकारी मामले को रफादफा करने की बात कह रहे हैं. मृतक मनीष गुप्ता की पत्नी ने वीडियो को सही करार दिया है.

बता दें कि वीडियो में मृतक मनीष गुप्ता की पत्नी समेत परिजनों को गोरखपुर के डीएम विजय किरण आनंद और एसएसपी डॉक्टर विपिन टाडा के साथ बातचीत करते हुए देखा और सुना जा सकता है. वीडियो के छोटे से हिस्से में दोनों अफसर मृतक के परिवारवालों को FIR दर्ज नहीं कराने के लिए समझा रहे हैं.

हालांकि वीडियो के वायरल होने के बाद एसएसपी विपिन टाडा ने सफाई दी है. उन्होंने कहा,

हम परिवार से मिलने और उनकी शिकायतों को दूर करने गए. जिला मजिस्ट्रेट और मैंने दो घंटे से ज्यादा समय तक बातचीत की. वहां स्थानीय पत्रकार मौजूद थे. हमने परिवार से शिकायत ली और बाद में एफआईआर दर्ज की. बिना संदर्भ के बातचीत की एक छोटी क्लिप वायरल की जा रही है.
विपिन टाडा, एसएसपी

सीबीआई जांच की मांग

वहीं दूसरी ओर मनीष की पत्नी ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात और एसआईटी जाच की मांग के साथ बॉडी के अंतिमसंस्कार के लिए राजी हुई हैं. मृतक मनीष की पत्नी ने अपने पति की बॉडी का दाह संस्कार करने की अनुमति दे दी.

इस बात को लेकर बुधवार को पूरे दिन कानपुर में बर्रा स्थित उनके घर पर हंगामा चलता रहा था. पुलिस कमिश्नर और डीएम सभी उनको समझाने में लगे थे लेकिन उन्होंने साफ कह दिया था कि पहले सीएम से मिलकर मांगे रखेंगे फिर बॉडी जाने देंगे, लेकिन रात में परिजनों ने बैठकर सारी मांगे के साथ एसआईटी जांच कराई जाए और केस गोरखपुर से कानपुर ट्रांसफर किया जाए.

क्या है पूरा मामला

दरअसल, सिकरीगंज के महादेवा बाजार के रहने वाले चंदन सैनी ने बताया कि, वो बिजनेस करते हैं. उनके तीन दोस्त गुड़गांव से प्रदीप चौहान (32) और हरदीप सिंह चौहान (35) और कानपुर से मनीष गुप्ता (35) गोरखपुर घूमने आए थे. चंदन के मुताबिक सभी दोस्त रियल एस्टेट और अन्य बिजनेस करते हैं. आरोप है कि सोमवार की रात करीब 12.30 बजे रामगढ़ताल पुलिस होटल में चेकिंग करने पहुंची.

पुलिस ने प्रदीप को उन्हें आईडी दिखाने के लिए जगाया. इतने पर प्रदीप ने कहा कि, इतनी रात में यह चेकिंग किस बात की हो रही है. हम लोग क्या आतंकवादी हैं? आरोप है कि इतने पर ही पुलिस ने थप्पड़ मारना शुरू कर दिया. कुछ ही देर बाद देखा कि पुलिस वाले साथी मनीष गुप्ता को घसीटते हुए बाहर लेकर आए, वह खून से लथपथ था. इसके बाद पुलिस वाले मनीष को अस्पताल ले गए. जहां उसकी मौत हो गई.

पुलिस ने मौत पर दिए थे अजब तर्क

मनीष की पत्नी मीनाक्षी ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया है. हालांकि, जब मामला सामने आया तो पुलिस ने इस आरोप से इनकार करते हुए कहा कि मनीष पुलिस को देखकर हड़बड़ाहट में गिर गए, उन्हें चोट लगी थी, जिसके बाद इलाज के लिए उन्हें अस्पताल ले जाया गया. इसी दौरान उनकी मौत हो गई. हालांकि अब पोस्टमार्टम में पिटाई की बात सामने आ रही है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×