गोरखपुर में हुई कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की संदिग्ध मौत के बाद एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में मृतक मनीष गुप्ता की पत्नी समेत परिजनों को डीएम विजय किरण आनंद और एसएसपी डॉ विपिन टाडा के साथ बातचीत करते हुए देखा और सुना जा सकता है. आरोप है कि दोनों अफसर परिवार को पुलिसवालों पर FIR दर्ज नहीं कराने के लिए समझा रहे हैं.
वीडियो में देखा जा सकता है कि दोनों अधिकारी किस तरह से परिजनों को केस दर्ज न करने की बात कर रहे हैं. यहां तक की डीएम केस दर्ज होने के बाद कोर्ट के सालों तक चक्कर लगाने की बात कह रहे हैं उधर एसएसपी पुलिसकर्मियों को क्लिनचिट ना मिलने तक उनके सस्पेंशन की बात कह कर परिजनों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं.
साथ ही रिकॉर्डिंग पर नजर पड़ते ही डीएम वीडियो रिकॉर्डिंग करने से भी मना करते हुए देखे जा सकते हैं. हालांकि अब केस दर्ज हो चुका है और मृतक मनीष गुप्ता की पत्नी होटल के मालिक पर भी केस करने की बात कर रही है.
वीडियो के वायरल होने के बाद एसएसपी विपिन टाडा का बयान आया है-
हम परिवार से मिलने और उनकी शिकायतों को दूर करने गए. जिला मजिस्ट्रेट और मैंने दो घंटे से ज्यादा समय तक बातचीत की. वहां स्थानीय पत्रकार मौजूद थे. हमने परिवार से शिकायत ली और बाद में एफआईआर दर्ज की. बिना संदर्भ के बातचीत की एक छोटी क्लिप वायरल की जा रही है.विपिन टाडा, एसएसपी
बहरहाल, गुरुवार की सुबह ही कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता का अंतिम संस्कार किया गया है. बताया यह भी गया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ परिवार वालों से आज मुलाकात कर सकते हैं.
अब तक इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. परिजनों की मांग है कि इस मामले की सीबीआई द्वारा जांच करानी चाहिए.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, सिकरीगंज के महादेवा बाजार के रहने वाले चंदन सैनी ने बताया कि, वो बिजनेस करते हैं. उनके तीन दोस्त गुड़गांव से प्रदीप चौहान (32) और हरदीप सिंह चौहान (35) और कानपुर से मनीष गुप्ता (35) गोरखपुर घूमने आए थे. चंदन के मुताबिक सभी दोस्त रियल एस्टेट और अन्य बिजनेस करते हैं. आरोप है कि सोमवार की रात करीब 12.30 बजे रामगढ़ताल पुलिस होटल में चेकिंग करने पहुंची.
पुलिस ने प्रदीप को उन्हें आईडी दिखाने के लिए जगाया. इतने पर प्रदीप ने कहा कि, इतनी रात में यह चेकिंग किस बात की हो रही है .हम लोग क्या आतंकवादी हैं? आरोप है कि इतने पर ही पुलिस ने थप्पड़ मारना शुरू कर दिया. कुछ ही देर बाद देखा कि पुलिस वाले साथी मनीष गुप्ता को घसीटते हुए बाहर लेकर आए,वह खून से लथपथ था. इसके बाद पुलिस वाले मनीष को अस्पताल ले गए. जहां उसकी मौत हो गई.
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