ADVERTISEMENTREMOVE AD

गन्ना किसानों को राहत की मिठास,सरकार जारी करेगी 7000 करोड़ 

गन्ना किसानों का बकाया 22,000 करोड़ रुपये से अधिक का हो गया है

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

गन्ना किसानों का बकाया 22,000 करोड़ रुपये से अधिक हो जाने सरकार चिंता में है लेकिन जल्द ही किसानों को राहत दे सकती है. सरकार नकदी की तंगी से जूझ रही चीनी मिलों के लिये 7,000 करोड़ रुपये से अधिक का राहत पैकेज घोषित कर सकती है. ताकि किसानों का भुगतान जल्द से जल्द किया जा सके.

मंगलवार को इस संबंध में कैबिनेट कमिटी ऑफ इकनॉमिक अफेयर्स (सीसीईए) की बैठक में फैसला लिया जा सकता है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

1500 करोड़ रुपये की सब्सिडी का किया है ऐलान

पिछले महीने सरकार ने गन्ना किसानों के लिए 1500 करोड़ रुपये की उत्पादन से संबंधित सब्सिडी की घोषणा की थी ताकि गन्ना बकाये के भुगतान के लिए चीनी मिलों की मदद की जा सके. चीनी मिलें गन्ना उत्पादकों का भुगतान नहीं कर पा रही हैं क्योंकि चीनी उत्पादन साल 2017-18 (अक्टूबर - सितंबर) में 3.16 करोड़ टन के रिकॉर्ड उत्पादन के बाद, चीनी कीमतों में तेज गिरावट आ गई है. इससे उनकी वित्तीय हालत कमजोर बनी हुई है.

देश के सबसे बड़े गन्ना उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में ही किसानों का अकेले 12,000 करोड़ रुपये से अधिक बकाया है.

सूत्रों के मुताबिक, चीनी मिलों द्वारा किसानों की बकाया राशि के भुगतान के लिए सरकार ने कई उपाय किए हैं. खाद्य मंत्रालय ने 30 लाख टन चीनी के बफर स्टॉक बनाने का प्रस्ताव दिया है. उन्होंने कहा कि चीनी स्टॉक को बनाये रखने की लागत सरकार देगी, जिसके कारण राजकोष पर करीब 1,300 करोड़ रुपये का बोझ आने का अनुमान है.

संकटग्रस्त चीनी उद्योग की मदद के लिए, पेट्रोलियम मंत्रालय ने इथेनॉल की नई क्षमता के विस्तार और निर्माण के लिए चीनी मिलों को 4,500 करोड़ रुपये पर 6 फीसदी ब्याज सब्सिडी का प्रस्ताव दिया है. ये योजना चीनी मिलों को कर्ज चुकाने के लिए पांच साल का समय देती है. सूत्रों ने बताया कि केवल ब्याज सब्सिडी के कारण सरकार को 1,200 करोड़ रुपये का बोझ होगा.

पेट्रोलियम मंत्रालय इथेनॉल मूल्य बढ़ाने के बारे में भी सोच रहा है ताकि चीनी मिल जल्द से जल्द किसानों को भुगतान कर सकें. वर्तमान में, चीनी की औसत एक्स- मिल कीमत 25.60 से 26.22 रुपये प्रति किलो है, जो उनकी उत्पादन लागत से कम है.

केंद्र ने चीनी आयात शुल्क को दोगुना कर 100 फीसदी तक बढ़ा दिया है और घरेलू कीमतों में गिरावट को रोकने के लिए निर्यात शुल्क को खत्म कर दिया है. उसने चीनी मिलों से 20 लाख टन चीनी निर्यात करने को भी कहा है.

(भाषा से)

यह भी पढ़ें: पाकिस्तानी चीनी से महाराष्ट्र के गन्ना किसानों का पारा गर्म

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×