प्रदूषण से दिल्ली और एनसीआर का दम घुट रहा है. बढ़ते प्रदूषण को कंट्रोल करने में नाकाम सरकार ने पीएमओ और अन्य छह मंत्रालयों के दफ्तरों के लिए 140 एयर फ्यूरीफायर खरीदे हैं.रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने 2014 से 2017 के बीच 36 लाख रुपये के एयर प्यूरीफायर खरीदे.
सुप्रीम कोर्ट की खिंचाई के बाद भी हालात गंभीर
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और आसपास के इलाके में जबरदस्त वायु प्रदूषण की वजह से सरकारी एजेंसियों की जबरदस्त खिंचाई की है. इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय कृषि मंत्रालय को यूपी, पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने को नियंत्रित करने के कदम उठाने को कहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हर साल दिल्ली में ऐसा ही क्यों होता है? सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि हर साल दिल्ली चोक हो जाती है, लेकिन हम कुछ भी नहीं कर पाते हैं. कोर्ट ने प्रदूषण और पराली जलाने के मामले में पंजाब, हरियाणा और यूपी के मुख्य सचिवों को कोर्ट में पेश होने को कहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण के मामले पर कहा कि लोगों को जीने का अधिकार है और यह काफी जरूरी है. कोर्ट ने कहा कि हर साल 10-15 दिन तक यही चलता रहता है. एक सिविलाइज्ड देश में ये बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार से कई सवाल भी पूछे.
हर साल घुटता है दिल्ली का दम
हर साल तकरीबन इसी वक्त दिल्ली वायु प्रदूषण से बुरी तरह परेशान रहती है. इस पर सियासत भी होती रहती है. चारों तरफ फैले हुए प्रदूषण की इस चादर की तीन बड़ी वजह चर्चा में है- पहली, दिवाली की रात दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में हुई आतिशबाजी. दूसरी, पंजाब-हरियाणा जैसे राज्यों में किसानों का लगातार पराली जलाना. तीसरी, गाड़ियों से निकलने वाला धुंआ.आपको बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में हवा 'खतरनाक' स्थिति में पहुंच गया है. दिवाली के दूसरे दिन दिल्ली का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) 600 के साथ गंभीर स्थिति में पहुंच गया था.
देखें वीडियो : जब प्रदूषण सताए, कौन सा एयर फिल्टर, मास्क लाएं
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