जीएसटी परिषद ने रविवार को इस बात पर सहमति जताई है कि GST पहली जुलाई से ही लागू होगा, भले ही कुछ मुद्दे रह जाए. केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि भारत के पास नई कर व्यवस्था को टालने का समय नहीं है.
वित्तमंत्री ने परिषद की अगली बैठक के लिए 30 जून की तिथि घोषित की और कहा, "कई सारी कंपनियों और कारोबारियों ने जीएसटी के लिए अपनी खुद की तैयारी न होने का मुद्दा उठाया है. लेकिन हमारे पास जीएसटी को टालने का बिल्कुल समय नहीं है."
पुरानी व्यवस्था से देखें, तो 80.91 लाख करदाता रजिस्टर हैं, जिनमें से कुछ बाहर हो जाएंगे और नई कर व्यवस्था के लिए 65.6 लाख नए करदाता पहले ही रजिस्टर कर चुके हैं. इतने लोग रिटर्न दाखिल करने के लिए पर्याप्त है.अरुण जेटली, केंद्रीय वित्तमंत्री
जेटली ने कहा कि जीएसटी परिषद ने कारोबारियों को रिटर्न दाखिल करने के लिए पहले दो महीनों (जुलाई-अगस्त) में ढील दे रखी है. इन्हें शुरुआत में एक साधारण-सा घोषणा पत्र सौंपने की जरूरत होगी और बाद में 'इनवॉयस-बाय-इनवॉयस डेटा' सौंपने के लिए उन्हें समय मिल जाएगा.
जीएसटी परिषद ने लॉटरी टिकट पर कर के लिए दो स्लैब निर्धारित किए हैं. जहां राज्य संचालित लॉटरी पर 12 फीसदी कर और राज्य अधिकृत निजी लॉटरी पर 28 फीसदी कर होगा.
जेटली ने कहा, “जब तक किसी ठोस नियम पर सहमति नहीं बन जाती, मौजूदा नियम जारी रहेगा.”
परिषद की 17वीं बैठक के दौरान आंध्र प्रदेश के वित्तमंत्री यानामाला रामाकृष्णुडू ने बताया कि उन्होंने कपड़ा और उर्वरक जीएसटी से बाहर रखने का आग्रह किया है. उन्होंने ये भी कहा कि एक जुलाई से जीएसटी लागू हो जाने के बाद सभी सीमावर्ती चौकियों से कॉमर्स टैक्स हटा दिया जाएगा.
रामाकृष्णुडू ने कहा कि परिषद ने 11 जून को हुई बैठक में कुछ सामानों पर दरों की समीक्षा की सहमति के बाद, दूसरे सभी फॉरमेट की दरों की समीक्षा को ठुकरा दिया था. वहीं महाराष्ट्र के वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि जीएसटी के तहत ई-वे बिल वैकल्पिक होगा.
जिन राज्यों में ई-वे बिल की सुविधा है, वे इसे जारी रख सकते है. हालांकि, महाराष्ट्र में ई-वे बिल सुविधा नहीं है, इसलिए राज्य इसे लागू नहीं कर रहा है.सुधीर मुनगंटीवार, वित्तमंत्री, महाराष्ट्र
ई-वे बिल वस्तुओं की आवाजाही के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक वे बिल है, जिसे जीएसटी नेटवर्क पोर्टल से निकाला जा सकता है. 50,000 रुपये से ज्यादा की कीमत वाली वस्तुओं की आवाजाही एक पंजीकृत व्यक्ति के द्वारा ई-वे बिल के बिना नहीं की जा सकती.
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