गुजरात (Gujrat) के राजकोट जिले के मानेकवाड़ा गांव में 19 साल के एक दलित युवक राजेश सोंदरवा की 2019 में हत्या कर दी गई थी. सोमवार, 24 जनवरी को गोंडल शहर की एक कोर्ट ने हत्या के सभी 8 आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है. मामले में बरी किए गए लोगों में तत्कालीन स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ता महेंद्रसिंह जडेजा और उसका बेटा दिव्यराज उर्फ कुमार सिंह, अजय सिंह उर्फ घनुभा जडेजा और उसका बेटा ध्रुवराज सिंह, युवराज सिंह उर्फ कर्णुभा और उसका भाई दीपेंद्र सिंह, हरदीप सिंह उर्फ माली जडेजा और हरदीप गोहिल उर्फ भानुभा शामिल हैं.
बता दें कि हत्या करने वाले सभी आरोपी गुजरात जिले के मानेकवाड़ा में रहते हैं.
क्या है पूरा मामला?
अभियोजन पक्ष के मुताबिक राजेश और उसके दोस्त मिलन परमार को आरोपियों ने कथित तौर पर 9 मई 2019 को गांव के पास उस समय रोका जब वे बाइक से राजकोट की ओर से वापस आ रहे थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक आरोपियों ने राजेश पर लाठियों से हमला किया था. घंटों बाद, 19 वर्षीय राजेश, पंडित दीनदयाल उपाध्याय हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया. इसके अलावा उस हमले में परमार भी घायल हो गया.
परमार के भाई अजय की शिकायत के आधार पर पुलिस ने आठ लोगों के खिलाफ हत्या के साथ-साथ अनुसूचित SC/ST (एट्रेसिटी) एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था.
हत्या के बाद लोगों में आक्रोश फैल गया था और वडगाम के विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था.
परिवार ने शव दफनाने से किया था इनकार
राजेश के परिवार ने न्याय और उचित मुआवजे की मांग करते हुए, शव पर दावा करने से इनकार कर दिया था. आरोपियों के पकड़े जाने और राज्य सरकार द्वारा पीड़ित परिवार को भूखंड एलॉट किए जाने के बाद ही परिवार ने राजेश का अंतिम संस्कार किया था.
राजेश की हत्या के मामले में आठ आरोपी गिरफ्तारी के बाद न्यायिक हिरासत में थे, लेकिन अब वे जेल से बाहर हैं. राजेश हत्याकांड में विस्तृत फैसले का अभी इंतजार है.
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