गुजरात के दाहोद से बीजेपी के सांसद जसवंतसिंह भाभोर शनिवार, 25 मार्च को शैलेश भट्ट के साथ एक ही मंच पर मौजूद थे. बीजेपी संसद जिस शैलेश भट्ट के साथ मंच साझा कर रहे थे वह 2002 के बिलकिस बानो गैंगरेप और हत्या मामले (Bilkis Bano gangrape and murder case) में 11 दोषियों में से एक हैं.
दाहोद में एक जल आपूर्ति योजना के उद्धघाटन समारोह में पोज देने वाली दोनों की तस्वीरें ट्विटर पर सांसद जसवंतसिंह ने शेयर कीं हैं. इस कार्यक्रम में लिमखेड़ा से बीजेपी विधायक शैलेशभाई भाभोर भी मौजूद थे. उन्होंने ने भी कार्यक्रम की तस्वीरें शेयर कीं है जिसमें शैलेश भट्ट नजर आ रहा है.
बिलकिस बानो के पति याकूब रसूल ने द क्विंट से पुष्टि की कि फोटो में दिख रहा शख्स शैलेश भट्ट है, जिसे 10 अन्य लोगों के साथ 2002 के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.
इस कार्यक्रम में उपस्थित अन्य पदाधिकारियों में सिंगवाड़ तालुका पंचायत प्रमुख कांताबेन डामोर और दाहोद जिला पंचायत उप-प्रमुख रतन भाई शामिल थे.
द क्विंट ने जसवतसिंह भाभोर और शैलेश भाभोर से इवेंट में उनकी उपस्थिति के बारे में जानकारी लेने के लिए संपर्क किया है और अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है.
क्या है मामला?
शैलेश भट्ट और 10 अन्य लोगों को 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो के सामूहिक बलात्कार और उसके परिवार के 14 सदस्यों - जिसमें उसकी तीन साल की बेटी भी शामिल थी - की हत्या करने का दोषी ठहराया गया था. लेकिन इन दोषियों को राज्य सरकार की माफी नीति के तहत 15 अगस्त 2022 को गोधरा की एक उप-जेल से रिहा कर दिया गया था.
द क्विंट से बात करते हुए बानो के पति याकूब रसूल ने कहा कि वह इन तस्वीरों से हैरान नहीं हैं. उन्होंने कहा, "इन लोगों (दोषियों) को जेल से बाहर निकलते ही सम्मानित किया गया. उन्हें सत्ता में बैठे लोगों के साथ मंच साझा करते हुए देखना हमें आश्चर्यचकित नहीं करता है. न्याय के लिए हमारी एकमात्र उम्मीद अब सुप्रीम कोर्ट है."
दोषियों की रिहाई के बाद, बानो ने सुप्रीम कोर्ट के मई 2022 के आदेश की समीक्षा के लिए एक याचिका दायर की जिसमें कहा गया था कि दोषियों को छूट देने के लिए गुजरात सरकार उपयुक्त प्राधिकारी थी.
समीक्षा याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2022 में खारिज कर दिया था.
हालांकि 24 मार्च को भारत के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि याचिका पर सुनवाई के लिए एक विशेष पीठ का गठन किया जाएगा. बानो की वकील शोभा गुप्ता द्वारा भारत के सुप्रीम कोर्ट के सामने पांच बार मामला लाए जाने के बाद इसे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है.
याचिका को 27 मार्च को सुनवाई के लिए जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की सुप्रीम कोर्ट खंडपीठ के सामने सूचीबद्ध किया गया है.
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