इंडियन एयरफोर्स (IAF) में सेवा देने वाले एक जवान की याचिका पर सुनवाई करते हुए गुजरात हाईकोर्ट ने एयरफोर्स को नोटिस जारी किया है. IAF सैनिक ने कोर्ट में याचिका लगाकर एयरफोर्स की तरफ से कारण बताओ नोटिस को चुनौती दी है, बता दें कि जवान ने कोविड वैक्सीन लेने से मना कर दिया था.
22 जून को आदेश देते हुए हाईकोर्ट की जस्टिस एजे देसाई और एपी ठाकेर वाली डिवीजन बेंच ने इंडियन एयरफोर्स और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया. साथ ही कोर्ट ने एयरफोर्स को 1 जुलाई तक जवान के खिलाफ किसी भी तरह का एक्शन लेने से रोका है.
याचिकाकर्ता जवान योगेंद्र कुमार इंडियन एयरफोर्स में कॉर्पोरल हैं. कुमार को अपने विभाग की तरफ से 10 मई 2021 को कारण बताओ नोटिस मिला था, जिसमें भारतीय एयरफोर्स ने लिखा कुमार का वैक्सीन न लेने का फैसला 'अनुशासन का बड़ा उल्लंघन' है.
जवान का दावा- IAF का रुख भारत सरकार की गाइडलाइंस के खिलाफ
याचिका में जवान ने दावा किया है कि एयरफोर्स का रुख भारत सरकार की वैक्सीन गाइडलाइंस के खिलाफ है. इसके साथ ही ये संविधान के आर्टिकल 14 और 21 के भी खिलाफ हैं. योगेंद्र कुमार ने अपनी याचिका में उनको जारी हुआ नोटिस रद्द करने की मांग की है.
इम्यूनिटी बढ़ाने आयुर्वेदिक दवाएं ले रहा: जवान
याचिकाकर्ता जवान ने 24 फरवरी 2021 को अपने स्क्वाड्रन के कमांडिंग अफसर को लिखकर वैक्सीन लेने में असमर्थता जाहिर की थी और बताया था कि वो कोरोना वैक्सीन नहीं लेना चाहते हैं. अपने आवेदन में जवान ने कहा था कि वो अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक दवाएं लेता है. उनका दावा है कि वो एलोपैथी दवाएं सिर्फ और सिर्फ इमरजेंसी में लेते हैं.
जवान योगेंद्र कुमार ने कोर्ट में दायर अपनी याचिका में कहा है-
मुझे कोरोना वैक्सीन लेने में हिचक है और मेरी अंतरात्मा की आवाज मुझे वैक्सीन लेने की अनुमति नहीं देती है.योगेंद्र कुमार, कॉर्पोरल, इंडियन एयरफोर्स
केंद्र सरकार के नियमों के मुताबिक वैक्सीन लेना अनिवार्य नहीं है और ये पूरी तरह से व्यक्ति की मर्जी पर है कि वो वैक्सीन लेना चाहता है या नहीं. जवान का कहना है कि वो ऐसी वैक्सीन नहीं लेना चाहते हैं जिसे प्रशासन ने पूरी तरह से अनुमति नहीं दी है. वैक्सीन को सिर्फ इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी ही मिली है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)