सात और लोगों की मौत के साथ गुजरात (Gujrat) के अहमदाबाद और बोटाद जिलों में जहरीली शराब की घटना में मरने वालों की संख्या मंगलवार सुबह 24 हो गई है. बोटाद के पुलिस सूत्रों ने बताया कि रात भर तलाशी अभियान चलाया गया, जिसमें 600 लीटर मेथनॉल जब्त किया गया.
अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने देर रात शराब बनाने वाले मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. गुजरात एक सूखा राज्य है, जहां शराब की बिक्री प्रतिबंधित है. ऐसे में इस तरह की घटना चौंकाने वाली है.अधिकारियों ने बताया कि भावनगर, बोटाद, बरवाला और धंधुका के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में अभी भी करीब 30 लोगों का इलाज चल रहा है.
भावनगर रेंज के महानिरीक्षक अशोक कुमार यादव ने त्रासदी की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है. बोटाद के पुलिस अधीक्षक करनराज वाघेला कहा, करीब 20 लोगों का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है, ज्यादातर लोग भावनगर में सर तख्तसिंहजी अस्पताल में भर्ती हैं. कुछ की हालत नाजुक है. उन्होंने बताया कि कुछ लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है.
पुलिस के मुताबिक अहमदाबाद स्थित अमोस कंपनी के जयेशभबाई ने कथित तौर पर रसायन की आपूर्ति की थी. इस बीच, बोटाद जिले के कांग्रेस नेता मनहर पटेल ने दावा कियाा है कि सोमवार को हुई इस त्रासदी में मरने वालों की संख्या 31 है, न कि 24, जैसा कि दावा किया जा रहा है.
मंगलवार सुबह तक बोटाद ग्रामीण क्षेत्रों, विशेष रूप से बरवाला तालुका से 47 लोगों को भावनगर जिला सरकारी अस्पताल लाया गया.
गुजरात में शराब बंदी
गुजरात में शराबबंदी लागू है, 2017 में सरकार ने शराबबंदी से जुड़े कानून को और सख्त बना दिया था. जिसके मुताबिक अगर कोई गैरकानूनी तरीके से शराब की बिक्री करता है, तो 10 साल तक की सजा का भी प्रावधान है.
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