ADVERTISEMENTREMOVE AD

ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में जारी रहेगी पूजा, SC ने रोक से इनकार करते हुए क्या कहा?

CJI चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने हिंदू और मुस्लिम पक्षों को ज्ञानवापी में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है.

Published
भारत
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) के व्यास तहखाने (Vyas Tehkhana) में हिंदू पक्ष की ओर से पूजा-पाठ जारी रहेगी. सुप्रीम कोर्ट ने इसपर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. सोमवार, 1 अप्रैल को शीर्ष अदालत में मस्जिद कमिटी की याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें मस्जिद परिसर के व्यास तहखाने में पूजा पर रोक लगाने की मांग की गई थी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ?

सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसमें कोर्ट ने वाराणसी जिला अदालत के आदेश को बरकरार रखा था. बता दें कि जिला अदालत ने हिंदू पक्ष को ज्ञानवापी मस्जिद के व्यास तहखाने के अंदर पूजा की अनुमति दी थी.

CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने दोनों पक्षों को ज्ञानवापी परिसर में यथास्थिति (स्टेटस- को) बनाए रखने का आदेश दिया ताकि दोनों समुदाय धार्मिक प्रार्थना कर सकें.

सुप्रीम कोर्ट ने इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कहा कि 17 जनवरी और 31 जनवरी (तहखाना के अंदर पूजा की अनुमति) के आदेशों के बाद मुस्लिम समुदाय द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद में बिना किसी बाधा के 'नमाज' पढ़ी जा रही है और हिंदू पुजारी द्वारा 'पूजा' 'तहखाना' क्षेत्र तक ही सीमित है, ऐसे में यथास्थिति बनाए रखना उचित है ताकि दोनों समुदाय उपरोक्त शर्तों के साथ पूजा-पाठ कर सकें.

कोर्ट ने कहा कि हिंदू दक्षिण से प्रवेश करेंगे और तहखाने में पूजा करेंगे, वहीं मुस्लिम उत्तर से आंगे और नमाज अदा करेंगे.

कोर्ट ने मुस्लिम पक्षों की ओर से दायर याचिका पर हिंदू पक्षों को भी नोटिस जारी किया है और मामले को जुलाई में विचार के लिए सूचीबद्ध किया है.

CJI की अध्यक्षता वाली बेंच ने हिंदू पक्ष को सिविल कोर्ट के 31 जनवरी के आदेश के अनुसार पूजा करना जारी रखने का आदेश दिया है. वहीं तहखाने में पूजा पर रोक लगाने से इनकार करते हुए, अदालत ने तर्क दिया कि हिंदू पक्ष जहां पूजा करते हैं और मुस्लिम पक्ष जहां नमाज पढ़ते हैं, दोनों अलग-अलग हैं.

"दक्षिण (तहखाने) में प्रार्थना करने से उत्तर में (मुस्लिम) प्रार्थना करने पर कोई असर नहीं पड़ता है, क्या हम सही कर रहे हैं? अगर हम सही हैं...तो यथास्थिति में आगे कोई बदलाव न होने दें. हमारा कहना है कि नमाज जारी रहने दें और दक्षिण तहखाने में पूजा जारी रह सकती है."

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद समिति की याचिका पर काशी विश्वनाथ मंदिर के ट्रस्टियों, अन्य से 30 अप्रैल तक जवाब मांगा है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

0
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×