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ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में आज नहीं हो सका सर्वे,वकील कमिश्नर पर विवाद जारी

Gyanvapi mosque survey: वकील कमिश्नर को बदलने की याचिका पर कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा

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वाराणसी का ज्ञानवापी मस्जिद-काशी विश्वनाथ विवाद (Gyanvapi Masjid-Kashi Vishwanath Controversy) एक बार फिर सुर्खियां बटोर रहा है. ज्ञानवापी मस्जिद और उसके आसपास सर्वे व वीडियोग्राफी का काम दूसरे दिन, शनिवार 7 मई को नहीं हो सका. सर्वे के लिए एक पक्ष तो पहुंचा लेकिन दूसरे पक्ष के लोग नहीं पहुंचे हैं. ऐसे में प्रथम पक्ष के लोग मंदिर के अंदर तो चले गए लेकिन सर्वे की बजाय वह दर्शन पूजन कर रहे हैं.

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दूसरे पक्ष का कहना है कि जब कोर्ट में वकील कमिश्नर को बदलने का आवेदन दिया गया और उसमें अगली तारीख 9 मई की है तो अब जो भी होगा 9 के बाद ही होगा. ऐसे में आज सर्वे का कार्य नहीं सका.

इसी बीच विश्वनाथ धाम गेट पर धार्मिक नारा लगा रहे व्यक्ति को पुलिस ने हिरासत में लिया है.

वकील कमिश्नर को बदलने की याचिका को पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

इससे पहले मुस्लिम पक्ष ने वकील कमिश्नर पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए उन्हें हटाने की मांग की थी और इस संबंध में पक्ष द्वारा प्रार्थना पत्र सिविल जज सीनियर डिविजन के कोर्ट में पेश किया गया था. इस प्रार्थना पत्र में मांग की गई है कि मौजूदा वकील कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा को हटाकर कोर्ट स्वयं या उनकी जगह किसी दूसरे वरिष्ठ वकील को वकील कमिश्नर नियुक्त करे.

कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की अर्जी पर सुनवाई करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. इस मामले की अगली सुनवाई 9 मई को होगी. कोर्ट ने सर्वे रोकने को लेकर कोई आदेश जारी नहीं किया है. यानी मौजूदा वकील कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा के नेतृत्व में सर्वे जारी रहेगा.

सर्वे के खिलाफ पहले दिन हुई थी नारेबाजी 

कोर्ट द्वारा नियुक्त वकील कमिश्नर और एक सर्वे टीम ने कल, शुक्रवार को ज्ञानवापी मस्जिद और उसके आसपास सर्वे व वीडियोग्राफी किया. लेकिन टीम को इसके विरोध में एक वर्ग के लोगों की नारेबाजी का सामना करना पड़ा.

पुलिस की भारी सुरक्षा में धक्का-मुक्की के बीच सर्वे टीम के सदस्य परिसर के अंदर गए. इसके बाद वहां तैनात पुलिस बल ने लोगों को वहां से हटाया.

मालूम हो कि पिछले साल पांच महिलाओं द्वारा दायर एक याचिका पर एक स्थानीय अदालत के आदेश पर यह सर्वे किया जा रहा है. याचिकाकर्ताओं ने मस्जिद की पश्चिमी दीवार के पीछे स्थित मां श्रृंगार गौरी स्थल तक बिना किसी प्रतिबंध पहुंच की मांग की है. यह स्थल/साइट वर्तमान में अनुष्ठानों और पूजा के लिए साल में एक बार खोली जाती है.

स्थानीय अदालत ने अधिकारियों को साइट का सर्वे-वीडियोग्राफी करने और 10 मई तक एक रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है.

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