प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार (7 फरवरी) की सुबह मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उत्तराखंड के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत (Harak Singh Rawat) और कुछ अन्य लोगों के उत्तराखंड और दिल्ली-एनसीआर में एक दर्जन से अधिक ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की हैं. जांच एजेंसी द्वारा छापेमारी के तहत उत्तराखंड, चंडीगढ़ और दिल्ली-एनसीआर में करीब 16 स्थानों पर छापेमारी की गई.
PTI के मुताबिक, ईडी की जांच उत्तराखंड के कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में हुए अवैध गतिविधियों से जुड़ी हुई है.
सुप्रीम कोर्ट की केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति ने उत्तराखंड के पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत और तत्कालीन प्रभागीय वन अधिकारी (DFO) किशन चंद को 2021 में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व तहत कालागढ़ डिविजन के पाखरो और मोरघट्टी वन क्षेत्र में हुए, टाइगर सफारी के लिए कंस्ट्रक्शन सहित विभिन्न अवैध गतिविधियों के लिए जिम्मेदार ठहराया.
ED इसी मामले को लेकर छापेमारी कर रही है. हरक सिंह रावत "पार्टी विरोधी गतिविधियों" के कारण छह साल के लिए उत्तराखंड कैबिनेट और बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से बर्खास्त कर दिये गये थे. रावत 2022 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हो गए.
IANS के अनुसार, ईडी के छापे के दौरान हरक सिंह रावत के आवास पर चाबी बनाने वाला लड़का वाजिद घर से बाहर निकला. वाजिद ने बताया कि उससे अलमीरा की चाबी बनाने के लिए संपर्क किया गया था. वाजिद से आलमारी की एक चाबी बनाई.चाबी बनाने में वाजिद को डेढ़ से 2 घंटे का समय लगा.
जब चाबी से अलमारी खोली गई तो अलमारी से सिर्फ फाइलें ही निकली. साथ ही वाजिद ने बताया कि अभी हरक सिंह रावत के आवास पर हरक सिंह रावत की पत्नी मौजूद हैं. उनके साथ ही मौके पर ईडी के 4 से 5 अधिकारी भी मौजूद हैं.
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